दंड के बदले उपकृत हुए सहकारिता पदाधिकारी

वरीय संवाददाता, रांचीजिला सहकारिता पदाधिकारी, चतरा पर राइस मिल से सांठगांठ कर सरकारी धन फंसाने का आरोप है. पर उक्त अधिकारी पर कार्रवाई के बदले सहकारिता विभाग ने उसे उपकृत करते हुए मुख्यालय में पदस्थापित कर दिया है. सरकार ने 15 अक्तूबर को जारी अधिसूचना में उन्हें उप निबंधक, झामकोफेड बना दिया है. इससे पूर्व […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 30, 2014 11:01 PM

वरीय संवाददाता, रांचीजिला सहकारिता पदाधिकारी, चतरा पर राइस मिल से सांठगांठ कर सरकारी धन फंसाने का आरोप है. पर उक्त अधिकारी पर कार्रवाई के बदले सहकारिता विभाग ने उसे उपकृत करते हुए मुख्यालय में पदस्थापित कर दिया है. सरकार ने 15 अक्तूबर को जारी अधिसूचना में उन्हें उप निबंधक, झामकोफेड बना दिया है. इससे पूर्व हजारीबाग व रामगढ़ जिले के भी अतिरिक्त प्रभार में कार्यरत रहे जिला सहकारिता पदाधिकारी, चतरा रविशंकर पांडेय पर एक ही मिल को करीब 11 करोड़ का धान देने का आरोप है. यह हजारीबाग की लक्की राइस मिल है. हालत यह है कि खरीफ 2011-12 का लगभग 3.50 करोड़ रुपये इस मिल पर बकाया है. वहीं इसके बाद खरीफ 2012-13 में भी श्री पांडेय ने इस मिल को फिर से चतरा व हजारीबाग जिले का 7.45 करोड़ का धान दे दिया. इधर करीब डेढ़ माह पहले उपायुक्त चतरा ने श्री पांडेय को निलंबित कर उस पर विभागीय कार्रवाई के लिए चिट्ठी सहकारिता विभाग को दी, पर यह चिट्ठी दबा दी गयी है. इससे पहले भी उपायुक्त चतरा ने 29 जुलाई 2013 को श्री पांडेय को पत्र लिख कर कहा था कि पहले का करोड़ों बकाया रहते फिर से लक्की राइस मिल को धान देना सरकारी प्रावधानों का उल्लंघन है. श्री पांडेय से 48 घंटे के भीतर स्पष्टीकरण देने को कहा गया था.

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