सारंडा में जिंदल को खनन की अनुमति का मामला
एजेंसियां, नयी दिल्लीझारखंड के सारंडा जंगल में जिंदल ग्रुप से जुड़ी कंपनियों को खनन की अनुमति देने के लिए नियमों में बदलाव के मामले में जयंती नटराजन से केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआइ) पूछताछ कर सकती है. एमबी शाह कमीशन की रिपोर्ट और सीबीआइ की गुप्त जांच में पता चला कि खनन और पर्यावरण से जुड़ी […]
एजेंसियां, नयी दिल्लीझारखंड के सारंडा जंगल में जिंदल ग्रुप से जुड़ी कंपनियों को खनन की अनुमति देने के लिए नियमों में बदलाव के मामले में जयंती नटराजन से केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआइ) पूछताछ कर सकती है. एमबी शाह कमीशन की रिपोर्ट और सीबीआइ की गुप्त जांच में पता चला कि खनन और पर्यावरण से जुड़ी करीब 350 फाइलें पूर्व पर्यावरण मंत्री नटराजन और उनके कार्यालय ने दबा रखे थे. सीबीआइ के एक अधिकारी ने बताया कि इस संबंध में दो पीइ दर्ज किये गये हैं और उसी के आधार पर जंयती से पूछताछ की जा सकती है.अधिकारी ने बताया कि जयंती ने वीरप्पा मोइली को मंत्रालय का प्रभार सौंपा, तो उनके कार्यालय में 120 फाइलें थीं, जिस पर जयंती ने हस्ताक्षर कर दिये थे. बड़ी संख्या में वर्ष 2011 की फाइलें भी लंबित थीं. अधिकारी ने कहा कि एजेंसी इस बात की जांच कर रही है कि हस्ताक्षर के बाद भी फाइलें कार्यालय में क्यों थीं.जस्टिस शाह कमीशन ने अपनी रिपोर्ट में झारखंड के जंगलों में जेएसडब्ल्यू स्टील और जिंदल स्टील एंड पावर लिमिटेड को मई, 2013 में पर्यावरण मंत्रालय से खनन की अनुमति दिये जाने पर सवाल उठाये हैं. इसमें कहा गया है कि मंत्रालय की वन सलाहकार समिति ने सारंडा में जेएसपीएल को लौह अयस्क खनन के लिए 512.43 हेक्टेयर वन भूमि और जेएसडब्ल्यू स्टील को लौह अयस्क और मैंगनीज खनन की अनुमति देने के लिए नियमों में बदलाव कर दिये.नटराजन की प्रतिक्रिया नहीं मिली, लेकिन उनके करीबी सूत्रों ने कहा है कि जेएसपीएल और जेएसडब्ल्यू स्टील को झारखंड में खनन की अनुमति प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की अध्यक्षतावाली निवेश से जुड़ी कैबिनेट कमेटी ने दी थी. हालांकि, जयंती के पूर्ववर्ती पर्यावरण मंत्री जयराम रमेश ने इस फैसले पर आपत्ति जतायी थी. सीबीआइ अधिकारी ने कहा कि एजेंसी सभी दस्तावेजों की गहनता से जांच कर रही है. यदि सब कुछ ठीक रहा, कैबिनेट कमेटी की मंजूरी के बाद कंपनियों को खनन की अनुमति दी गयी, तो एजेंसी पीइ को रद्द कर देगी.