न्यू यॉर्क. भारत सरकार द्वारा 1984 के सिख विरोधी दंगों के पीडि़तों के रिश्तेदारों को पांच-पांच लाख रुपये का मुआवजा देने के फैसले का एक सिख अधिकार समूह ने विरोध किया है. समूह का कहना है कि मुआवजा मुजरिमों के खिलाफ मुकदमा चलाने की जगह नहीं ले सकता है. गौरतलब है कि सरकार ने फैसला किया है कि तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद भड़के सिख विरोधी दंगों के 3,325 पीडि़तों के रिश्तेदारों को पांच-पांच लाख रुपये दिये जायेंगे. ‘सिख फॉर जस्टिस’ (एसएफजे) समूह ने कहा, उत्तरी अमेरिका में रहनेवाले सिख और 1984 के सिख विरोधी दंगों के प्रभावित लोग इन दंगों की 30वीं बरसी पर सात नवंबर को संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय पर इकट्ठा होंगे. एसएफजे ने कहा कि समूह संयुक्त राष्ट्र महासचिव बान की मून को एक रिपोर्ट भी देगा, जिसमें 1984 में दंगों के दौरान हत्याओं और मानवाधिकारों के हनन के बारे में विस्तृत जानकारी होगी.
1984 दंगा पीडि़तों के रिश्तेदारों को मुआवजा देने की आलोचना
न्यू यॉर्क. भारत सरकार द्वारा 1984 के सिख विरोधी दंगों के पीडि़तों के रिश्तेदारों को पांच-पांच लाख रुपये का मुआवजा देने के फैसले का एक सिख अधिकार समूह ने विरोध किया है. समूह का कहना है कि मुआवजा मुजरिमों के खिलाफ मुकदमा चलाने की जगह नहीं ले सकता है. गौरतलब है कि सरकार ने फैसला […]
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