फोटो है :31 गुम 3 में चमरा लिंडा31 गुम 4 में शिवकुमार31 गुम 5 में मनीलाल साहू31 गुम 6 में सोमा उरांव31 गुम 7 में चंदन गोप31 गुम 8 में उमेश साहूदुर्जय पासवान, गुमलाबिशुनपुर विधानसभा क्षेत्र वर्ष 1977 में बना था. यह सीट अनुसूचित जनजाति (एसटी) के लिए आरक्षित है. बिशुनपुर विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत बिशुनपुर, घाघरा, सेन्हा व गुमला प्रखंड के मिले-जुले हिस्से आते हैं. शुरुआती वर्षों में इस सीट पर कांग्रेस का एक छत्र राज था. वर्ष 1977, 1980 व 1985 के चुनावों में लगातार तीन बार कांग्रेस ने इस सीट से जीत दर्ज कर हैट्रिक बनायी थी. परंतु इसके बाद से इस क्षेत्र से कांग्रेस का जनाधार घटता गया. धीरे-धीरे भाजपा मजबूत होती गयी. फिर भी विकास कार्यों के क्रियान्वयन सहित विभिन्न कारणों से इस सीट का किसी पार्टी की स्थायी सीट रहना मुश्किल हो गया है. बिशुनपुर की भौगोलिक बनावट ही यहां के विकास में सबसे बड़ी बाधा है. यहां महत्वपूर्ण खनिज बॉक्साइट की उपलब्धता के बावजूद इलाके के लोग गरीब और बदहाली की जिंदगी जीने को विवश हैं. यहां आज भी ऐसे कई गांव हैं, जहां पहुंचने के लिए सड़क नहीं है. नक्सल प्रभावित इस क्षेत्र की जनता को किसी सच्चे विकास पुरुष का इंतजार है, जो इस क्षेत्र व यहां की जनता की तसवीर व तकदीर बदल सके.मेरा सामाजिक जुड़ाव रहा है : चमराबिशुनपुर के विधायक चमरा लिंडा ने कहा है कि मैंने अपने पांच साल के कार्यकाल में विकास के कई काम किये हैं. सामाजिक संगठन से जुड़ा रहा हूं. सामाजिक काम ज्यादा किया हूं. दो सौ से अधिक सरना स्थल की घेराबंदी करायी है. आवासीय स्कूल भवन बनवाया है. सदन में क्षेत्र की समस्याओं को लेकर आवाज उठाता रहा हूं. जनता ठगी गयी है : शिव कुमारकांग्रेस के शिव कुमार भगत टुनटुन ने कहा कि यदि चमरा कहते हैं कि उन्होंने विकास किया है, तो यह जनता को भ्रमित करनेवाली बात है. विधानसभा सत्र के दौरान उन्होंने कभी जनता के लिए आवाज नहीं उठायी. परंतु हाउस के बाहर वे सिपाही से लड़ते जरूर नजर आये. चमरा सिर्फ जाति की राजनीति करते हैं. उनके कार्यकाल में दलाल व बिचौलियों का विकास हुआ है. वह जनता की उम्मीदों पर खरे नहीं हैं.बिशुनपुर के जितने भी विधायक बने हैं. सभी ने जनता को ठगा है. चमरा लिंडा सिर्फ जाति विशेष की राजनीति करते हैं. क्षेत्र खास कर घाघरा में कोई काम नहीं हुआ है. मनीलाल साहू, व्यवसायीचुनाव जीतने के बाद चमरा के दर्शन दुर्लभ हो गये हैं. यहां उद्योग के नाम पर कुछ नहीं हुआ है. खेती के लिए सिंचाई की सुविधा नहीं है. सोमा उरांव, किसानघाघरा, बिशुनपुर में एक भी अच्छा कॉलेज नहीं है. जिससे हम उच्च डिग्री प्राप्त कर बेहतर भविष्य बना सकें. किसी भी विधायक ने शिक्षा को बढ़ावा के लिए काम नहीं किया है. चंदन गोप, विद्यार्थीइस क्षेत्र में अपराध बढ़ गया है. पुलिस तो नाकाम है ही. यहां के विधायक भी कभी आवाज नहीं उठाते हैं. धूलकण से घाघरावासी परेशान हैं. उमेश साहू, व्यवसायीएक नजर मेंकुल वोटर : 2,17,751पुरुष : 1,12,910महिला : 1,04,841कुल मतदान केंद्र : 276बूथ के लिए चयनित भवन : 315संवेदनशील बूथ : 59अतिसंवेदनशील बूथ : 160प्रथम चरण का चुनाव कार्यक्रमनामांकन की अंतिम तिथि : पांच नवंबरनामांकन पत्रों की जांच : सात नवंबरनाम वापसी की तिथि : 10 नवंबरचुनाव चिह्न का आवंटन : 10 नवंबरमतदान की तिथि : 25 नवंबरमतगणना की तिथि : 23 दिसंबरअबतक के विधायकवर्ष विजेता पार्टी1977 कार्तिक उरांव कांग्रेस1980 भुखला भगत कांग्रेस1985 भुखला भगत कांग्रेस1990 रमेश उरांव भाजपा1995 भुखला भगत कांग्रेस2000 चंद्रेश उरांव भाजपा2005 चंद्रेश उरांव भाजपा 2009 चमरा लिंडा निर्दलीय
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विधानसभा रिपोर्ट : विशुनपुर विधानसभा
फोटो है :31 गुम 3 में चमरा लिंडा31 गुम 4 में शिवकुमार31 गुम 5 में मनीलाल साहू31 गुम 6 में सोमा उरांव31 गुम 7 में चंदन गोप31 गुम 8 में उमेश साहूदुर्जय पासवान, गुमलाबिशुनपुर विधानसभा क्षेत्र वर्ष 1977 में बना था. यह सीट अनुसूचित जनजाति (एसटी) के लिए आरक्षित है. बिशुनपुर विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत […]
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