रांची : राज्य में वर्षो पहले घोषित कई महत्वपूर्ण योजनाओं पर काम भी शुरू नहीं हो सका है. इनमें अनगड़ा रांची में बनने वाला मेगा फूड पार्क, तुपुदाना रांची में बनने वाला सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल व राजमहल की पहाड़ियों के बीच बनने वाला फोसिल पार्क शामिल है.
तुपुदाना में बनना है सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल
करीब दो वर्ष पहले उद्योग विभाग ने इसकी पहल की थी. तुपुदाना औद्योगिक क्षेत्र में रियाडा ने इसके लिए 3.27 एकड़ जमीन उपलब्ध करायी थी. अस्पताल बनाने व इसके संचालन के लिए दुर्गापुर मिशन अस्पताल तथा मणिपुर (इंफाल) के शिजा का चयन बतौर कंसोर्टियम किया गया. सरकार ने कहा था कि इस अस्पताल के बनने के बाद जहां राज्य के लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मिलेंगी, वहीं इससे करीब एक हजार लोगों को प्रत्यक्ष व परोक्ष रोजगार मिलेगा. यह अस्पताल अभी बनना भी शुरू नहीं हुआ है.
राजमहल में बनना है फोसिल पार्क
राजमहल की पहाड़ियों के बीच फोसिल (जीवाश्म) पार्क बनाने की घोषणा विज्ञान व प्रावैधिकी विभाग ने वर्ष 2003 में ही की थी. विभाग के विज्ञान व प्रावैधिकी परिषद को इसका काम करना था, पर इसका काम शुरू भी नहीं हुआ. अब यह प्रोजेक्ट वन विभाग को हस्तांतरित कर दिया गया है. दरअसल यह प्रोजेक्ट ऐतिहासिक धरोहर के संरक्षण का है. माना जाता है कि राजमहल की पहाड़ियों में कई जीवाश्म दफन हैं. इन्हें ही संरक्षित कर वहां करीब 15 एकड़ जमीन पर पार्क बनाने की योजना है. यह काम यदि पूरा हो सका, तो यह पूर्वी भारत में अपने किस्म का अकेला पार्क होगा.
मेगा फूड पार्क
इसका शिलान्यास फरवरी 2009 में हुआ था. बाबा रामदेव की पतंजलि का इस पार्क में 40 फीसदी शेयर तय था, पर बाद में सरकारी कार्यशैली से तंग आ कर उन्होंने इस प्रोजेक्ट से हाथ खींच लिया. दरअसल राज्य सरकार ने जमीन हस्तांतरण में ही तीन वर्ष लगा दिये. रियाडा ने अनगड़ा प्रखंड के गेतलसूद में 56 एकड़ जमीन फूड पार्क के लिए चिह्न्ति की थी. पर इसका हस्तांतरण विधिवत रूप से मई 2012 में हुआ. इधर इस जमीन पर अभी तक सिर्फ चहारदीवारी सहित कुछ ही निर्माण हो सका है. केंद्रीय खाद्य व प्रसंस्करण मंत्रलय ने फूड पार्क के लिए 112 करोड़ रु भी सितंबर 13 में रिलीज कर दिये थे.