भाजपा को मिल रही बढ़त

आंध्र प्रदेश के विभाजन के बाद कमजोर हुई कांग्रेस एजेंसियां, हैदराबादआंध्र प्रदेश के विभाजन की वजह से राज्य में कांग्रेस हाशिए पर चली गयी है. इससे ऐसा प्रतीत होता है कि इस नये राज्य में भाजपा को बढ़त मिल रही है और कांग्रेस तथा अन्य दलों के वरिष्ठ नेताओं के लिए यह पार्टी एक विकल्प […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 7, 2014 11:03 PM

आंध्र प्रदेश के विभाजन के बाद कमजोर हुई कांग्रेस एजेंसियां, हैदराबादआंध्र प्रदेश के विभाजन की वजह से राज्य में कांग्रेस हाशिए पर चली गयी है. इससे ऐसा प्रतीत होता है कि इस नये राज्य में भाजपा को बढ़त मिल रही है और कांग्रेस तथा अन्य दलों के वरिष्ठ नेताओं के लिए यह पार्टी एक विकल्प के तौर पर उभर रही है. पूर्व मंत्री और गुंटूर जिले में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कन्ना लक्ष्मीनारायण पहले ही भाजपा में शामिल होने का एलान कर चुके हैं. इनके अलावा कांग्रेस और वाइएसआर कांग्रेस के कई अन्य नेता जो अपना राजनीतिक कैरियर असुरक्षित महसूस करते हैं वे भी कथित तौर पर भगवा दल में शामिल होने पर विचार कर रहे हैं. चुनाव से पहले डी पुरनदेश्वरी और केएस राव जैसे वरिष्ठ कांग्रेसी नेताओं ने अविभाजित आंध्र प्रदेश के बंटवारे के विरोध में केंद्रीय मंत्री पद से इस्तीफा दिया था, वे भी भाजपा में शामिल हो गये हैं. आंध्र प्रदेश के भाजपा अध्यक्ष एवं विशाखपत्तनम से लोकसभा सदस्य के हरि बाबू ने बताया, ‘स्वेच्छा से आनेवालों के लिए हमारे दरवाजे खुले हैं. हम भाजपा में शामिल होने के लिए किसी को भी प्रोत्साहित या लालच नहीं दे रहे हैं.’ कांग्रेसी कार्यकर्ता नाराज आंध्र प्रदेश के बंटवारे के चलते चुनावों में कांग्रेस को मतदाताओं की नाराजगी का सामना करना पड़ा और इस साल शुरू में राज्य में हुए विधानसभा और लोकसभा चुनावों में कांग्रेस को एक भी सीट नसीब नहीं हुई. कांग्रेस यहां 10 वर्षों से सत्ता में थी. दूसरी ओर भाजपा का तेदेपा के साथ गंठबंधन था और भाजपा ने बढ़त हासिल करते हुए दो लोकसभा और चार विधानसभा सीटों पर अपना परचम बुलंद किया. हरिबाबू कहते हैं कि राज्य में कांग्रेस के पतन की वजह से राजनीतिक शून्यता है. निश्चित तौर पर भाजपा के पक्ष में है. लेकिन हम लोगों को अपने साथ लाने के लिए गोलबंद नहीं कर रहे हैं.’ हरिबाबू ने कहा कि भाजपा चाहती है कि आंध्र प्रदेश में उसका प्रसार हो और इसके लिए छह नवंबर से गुंटूर में बैठक के साथ सदस्यता अभियान चलाया जायेगा. हालांकि, उन्होंने कहा कि भाजपा तेदेपा के साथ प्रदेश और केंद्र दोनों जगह गंठबंधन में रहेगी और बाद में भी उससे लड़ना नहीं चाहेगी.

Next Article

Exit mobile version