Loading election data...

एनोस के खिलाफ दर्ज दोनों मामले सीआइडी को

पीएलएफआइ उग्रवादियों की मदद करने और लेने का आरोप सुरजीत सिंह रांची : झारखंड पार्टी (झापा) विधायक एनोस एक्का और पीएलएफआइ उग्रवादियों के खिलाफ खूंटी के कर्रा थाना में दर्ज दोनों मामलों को सरकार ने अपराध अनुसंधान विभाग (सीआइडी) में स्थानांतरित कर दिया है. अब दोनों मामलों की जांच सीआइडी करेगा. पिछले लोकसभा चुनाव के […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 8, 2014 4:53 AM

पीएलएफआइ उग्रवादियों की मदद करने और लेने का आरोप

सुरजीत सिंह

रांची : झारखंड पार्टी (झापा) विधायक एनोस एक्का और पीएलएफआइ उग्रवादियों के खिलाफ खूंटी के कर्रा थाना में दर्ज दोनों मामलों को सरकार ने अपराध अनुसंधान विभाग (सीआइडी) में स्थानांतरित कर दिया है. अब दोनों मामलों की जांच सीआइडी करेगा.

पिछले लोकसभा चुनाव के दौरान एनोस एक्का और पीएलएफआइ उग्रवादियों के खिलाफ कर्रा थाना में दो प्राथमिकी दर्ज की गयी थी. जिला पुलिस के अनुसंधान में दोनों मामले सही पाये जाने के बाद पुलिस ने आगे की कार्रवाई शुरु की. पुलिस ने एनोस एक्का, राजकमल गोप, जयप्रकाश भुइंया समेत अन्य के खिलाफ अदालत से गिरफ्तारी वारंट भी हासिल कर लिया. लेकिन इस बीच मामले को सीआइडी में स्थानांतरित कर दिया गया.

पुलिस और दयामनी बारला ने दर्ज करायी थी प्राथमिकी : लोकसभा चुनाव के दौरान एनोस एक्का के खिलाफ कर्रा थाना में एक प्राथमिकी पुलिस ने और दूसरी आम आदमी पार्टी की प्रत्याशी दयामनी बारला ने दर्ज करायी थी. कर्रा पुलिस ने एनोस एक्का के खिलाफ जो प्राथमिकी दर्ज की थी, उसमें पुलिस ने आरोप लगाया था कि एनोस एक्का ने पीएलएफआइ के उग्रवादी राजकमल गोप को भागने में मदद की. दोनों एक ही गाड़ी पर सवार थे. पुलिस ने राजकमल गोप को पकड़ने के लिए जब गाड़ी को रोका तो वह नहीं रुके. चुनाव के दौरान ही आम आदमी पार्टी के प्रत्याशी दयामनी बारला ने कर्रा थाना में प्राथमिकी दर्ज करायी थी. प्राथमिकी में उन्होंने आरोप लगाया था कि पीएलएफआइ के उग्रवादी एनोस एक्का के पक्ष में काम कर रहे हैं. उग्रवादियों द्वारा उनके कार्यकर्ताओं को रोका जा रहा है और एनोस एक्का के पक्ष में मतदान करने के लिए लोगों को धमकाया जा रहा है.

जेठा कच्छप ने कहा था : चुनाव में एनोस की मदद की

पीएलएफआइ के जोनल कमांडर जेठा कच्छप को तुपुदाना पुलिस ने चार अगस्त 2014 को गिरफ्तार किया था. उसने पुलिस को दिये स्वीकारोक्ति बयान में कहा है कि लोकसभा चुनाव में उसने टोकरी छाप पहचान चिह्न्वाले प्रत्याशी की मदद की थी. टोकरी छापवाले प्रत्याशी के पक्ष में मतदान करने के लिए लोगों पर दवाब डाला था. उल्लेखनीय है कि लोकसभा चुनाव में एनोस एक्का खूंटी लोकसभा क्षेत्र से झारखंड पार्टी के प्रत्याशी थे. चुनाव के दौरान भी मीडिया में यह खबर आयी थी कि पीएलएफआइ के उग्रवादी एक प्रत्याशी के पक्ष में प्रचार कर रहे हैं. आम आदमी पार्टी प्रत्याशी दयामनी बारला ने एनोस एक्का की शिकायत आयोग से की थी.

Next Article

Exit mobile version