चार वर्षो में तय नहीं हुए नाम

जून 2010 से रिक्त हैं जैक बोर्ड सदस्यों के पद रांची : वर्ष 2010 से राज्य में बार शासन व्यवस्था में बदलाव हुआ. इस दौरान राज्य में दो बार राष्ट्रपति शासन लगा व दो सरकारें बनी, पर कोई भी सरकार झारखंड एकेडमिक काउंसिल बोर्ड के सदस्यों का नाम तय नहीं कर सकी. विभागीय मंत्री का […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 9, 2014 7:05 AM
जून 2010 से रिक्त हैं जैक बोर्ड सदस्यों के पद
रांची : वर्ष 2010 से राज्य में बार शासन व्यवस्था में बदलाव हुआ. इस दौरान राज्य में दो बार राष्ट्रपति शासन लगा व दो सरकारें बनी, पर कोई भी सरकार झारखंड एकेडमिक काउंसिल बोर्ड के सदस्यों का नाम तय नहीं कर सकी. विभागीय मंत्री का कार्यकाल केवल नामों को जोड़ने व हटाने में ही बीत गया.
झारखंड एकेडमिक काउंसिल बोर्ड के सदस्यों के पद जून 2010 से रिक्त हैं. इस दौरान दो बार सदस्यों के नाम मुख्यमंत्री को व एक बार राजभवन को भेजा गया.
पूर्व शिक्षा मंत्री वैद्यनाथ राम के समय जैक बोर्ड के सदस्यों के चयन की प्रक्रिया शुरू हुई थी. सदस्यों के नाम का पैनल तैयार किया गया था. पर नामों पर अंतिम सहमति नहीं बन पाने के कारण बोर्ड के सदस्यों का नाम घोषित नहीं हो पाया.
वर्ष 2013 में राष्ट्रपति शासन के दौरान झारखंड एकेडमिक काउंसिल बोर्ड सदस्यों के चयन की प्रक्रिया शुरू हुई थी. इसके लिए उच्च शिक्षा निदेशक डॉ डीएन ओझा की अध्यक्षता में एक कमेटी का गठन किया गया था. कमेटी ने सदस्य के लिए आवेदन आमंत्रित किया. राज्य भर से 111 लोगों ने आवेदन जमा किये. कमेटी ने आवेदन की स्क्रीनिंग के बाद सदस्य के एक पद के लिए दो नामों की अनुशंसा की थी.

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