रांची: सरकार के बहाने कांग्रेस-झामुमो गंठबंधन की रूपरेखा तय हो रही है. लोकसभा चुनाव पर कांग्रेस की नजर है. झामुमो के साथ 10-4 के फॉमरूले पर काम हो रहा है. 14 में 10 सीटों पर कांग्रेस की दावेदारी होगी. चार सीटों पर झामुमो अपना उम्मीदवार देगा. कांग्रेस-झामुमो के गंठबंधन में कई पेंच है. कांग्रेस के संतालपरगना और पलामू में काम करनेवाले पार्टी नेताओं की सीट फंसेगी.
संतालपरगना और पलामू में झामुमो की सीट है. यहां स्टीफन मरांडी, आलमगीर आलम, फुरकान अंसारी जैसे नेता पसीना बहा रहे हैं. गंठबंधन हुआ, तो इनकी दावेदारी फंस सकती है. वहीं पलामू सीट भी झामुमो नहीं छोड़ेगा. यहां कांग्रेस के राधाकृष्ण किशोर जोर लगा रहे हैं. कांग्रेस राजमहल, गिरिडीह सहित कई दूसरे इलाके में कांग्रेसी नेता सक्रिय हैं. गिरिडीह सीट पर सरफराज अहमद, विधायक दल के नेता राजेंद्र सिंह सक्रिय हैं.
झामुमो से इनके लिए सीट निकालना आसान नहीं होगा. कांग्रेस-झामुमो के बीच पहले भी गंठबंधन हुआ है. चुनाव में ही गंठबंधन धर्म टूटा. पिछले चुनाव में कांग्रेस को नौ सीट और झामुमो को पांच सीट खाते में गयी थी. गंठबंधन टूटा और झामुमो ने तीन सीट पर उम्मीदवार खड़े कर दिये थे.