3000 ऑटो का अतिरिक्त बोझ

रांची: राजधानी रांची की ट्रैफिक व्यवस्था में सुधार नहीं हो रहा है. अब तक आधारभूत संरचना के विकास में ठोस कदम नहीं उठाये गये हैं. सड़कों के किनारे से न तो सही तरीके से अतिक्रमण हटा है और न ही सड़कों का चौड़ाकरण किया गया. तीन फ्लाई ओवर बनाने का प्रस्ताव फाइल में बंद है. […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 16, 2013 1:50 PM

रांची: राजधानी रांची की ट्रैफिक व्यवस्था में सुधार नहीं हो रहा है. अब तक आधारभूत संरचना के विकास में ठोस कदम नहीं उठाये गये हैं.

सड़कों के किनारे से न तो सही तरीके से अतिक्रमण हटा है और न ही सड़कों का चौड़ाकरण किया गया. तीन फ्लाई ओवर बनाने का प्रस्ताव फाइल में बंद है. 12 सालों में वाहनों की संख्या बढ़ कर 6.69 लाख हो गयी है. शहर की ट्रैफिक व्यवस्था को लेकर हाइकोर्ट मॉनीटरिंग कर रहा है.

पांच साल में सुधार के लिए 54 आदेश पारित किये गये, लेकिन सकारात्मक परिणाम नजर नहीं आया. कोर्ट के आदेश पर जिला प्रशासन ने आइआइएम से ट्रैफिक सव्रे कराया. आइआइएम ने रिपोर्ट तैयार कर हाइकोर्ट में सौंप दी है. इसमें कहा गया है कि शहर में रोजाना 1.5 लाख लोग ऑटो की सवारी करते हैं. इसके लिए 3235 ऑटो पर्याप्त हैं. अगर ये ऑटो प्रतिदिन चार ट्रिप करेंगे, तो अतिरिक्त ऑटो की जरूरत नहीं पड़ेगी. फिलहाल जिला प्रशासन ने 2335 ऑटो को परमिट दिया है, जबकि शहर में करीब 6100 ऑटो चल रहे हैं. इससे रोड जाम हो रहा है. साथ ही वाहनों से निकलनेवाला धुआं पर्यावरण को प्रदूषित कर रहा है.

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