कोयला घोटाला. क्लोजर रिपोर्ट पर बदला सीबीआइ का रुख

अब बिरला, पारेख के खिलाफ पर्याप्त सबूतएजेंसियां, नयी दिल्लीकोल ब्लॉक आवंटन घोटाला से जुड़े एक मामले में क्लोजर रिपोर्ट दाखिल करनेवाली केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआइ) ने सोमवार को अपने रुख में बदलाव किया. दिल्ली की एक अदालत को बताया कि कुछ निजी कंपनियों और लोक सेवकों के खिलाफ मामला आगे बढ़ाने के लिए प्रथम दृष्टया […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 11, 2014 11:02 PM

अब बिरला, पारेख के खिलाफ पर्याप्त सबूतएजेंसियां, नयी दिल्लीकोल ब्लॉक आवंटन घोटाला से जुड़े एक मामले में क्लोजर रिपोर्ट दाखिल करनेवाली केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआइ) ने सोमवार को अपने रुख में बदलाव किया. दिल्ली की एक अदालत को बताया कि कुछ निजी कंपनियों और लोक सेवकों के खिलाफ मामला आगे बढ़ाने के लिए प्रथम दृष्टया पर्याप्त साक्ष्य हैं, जिसमें उद्योगपति कुमार मंगलम बिरला और पूर्व कोयला सचिव पीसी पारेख के नाम अभियुक्त के तौर पर दर्ज हैं. इस मामले में अब 25 नवंबर सुनवाई को होगी.मामले में सीबीआइ के लिए सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त विशेष लोक अभियोजक (एसपीपी) आरएस चीमा ने विशेष सीबीआइ जज भरत पराशर के समक्ष कहा कि मामले को बंद करनेवाली क्लोजर रिपोर्ट में उल्लेख किये गये अपराधों पर अदालत संज्ञान ले सकती है, क्योंकि इसमें अभियुक्तों की संलिप्तता दर्शाने के लिए पहली नजर में ही सबूत दिखते हैं. जज ने चीमा से पूछा कि यदि अदालत अपराधों को संज्ञान में लेती है, तो क्या एजेंसी दस्तावेजों के साथ तैयार है. इस पर चीमा ने कहा कि मामले में कुछ और जांच की आवश्यकता होगी. बाकी सभी कुछ तैयार है. जांच अधिकारी ने इस मामले से संबद्ध कुछ दस्तावेजों का एक संकलन भी प्रस्तुत किया.त्रअक्तूबर, 2013 में सीबीआइ ने बिरला और पारेख के खिलाफ दायर की थी एफआइआरत्र12 सितंबर को कोर्ट ने मामले को बंद करने की जल्दबाजी पर उठाये थे सवालत्र21 अक्तूबर को सीबीआइ ने दाखिल की थी संशोधित अंतिम क्लोजर रिपोर्टबिरला और पारेख पर आरोपसीबीआइ ने आरोप लगाया था कि पारेख ने कोल ब्लॉक आवंटन के हिंडालकों के आवेदन को खारिज करने के कुछ ही महीनों बाद उस निर्णय को पलट कर ‘अनुचित पक्षपात किया’, जबकि इसके लिए ‘कोई वैध आधार अथवा परिस्थितियों में’ बदलाव नहीं हुआ था.पुन: खदान आवंटन के ओडि़शा के प्रस्ताव पर विचार करेगा केंद्रभुवनेश्वर. केंद्र ने सोमवार को ओडि़शा सरकार को आश्वस्त किया कि वह उन सार्वजनिक कंपनियों तथा निजी बिजली कंपनियों (आइपीपी) को दिये गये कोयला खदानों को उन्हें फिर से आवंटित करने के उसके प्रस्ताव पर विचार करेगा, जिन्होंने अपनी परियोजनाओं में काफी प्रगति कर ली थी. केंद्रीय कोयला सचिव अनिल स्वरूप ने 15 कोयला परियोजनाओं की समीक्षा के बाद संवाददाताओं को यह जानकारी दी. ओडि़शा के ऊर्जा मंत्री प्रणब प्रकाश दास ने केंद्रीय कोयला मंत्री पीयूष गोयल को पत्र लिख कर मांग की थी कि दो कोयला ब्लॉक ओडि़शा पावर जेनरेजशन कॉरपोरेशन (ओपीजीसी) को दोबारा आवंटित किये जायें. सुप्रीम कोर्ट ने इनका आवंटन रद्द कर दिया था.कोयले के आरक्षित मूल्य पर समिति की बैठक आजकोयला खदानों की नीलामी के लिए आरक्षित मूल्य तय करने की कार्यप्रणाली पर विचार के लिए अंतर मंत्रालयी समिति की बैठक मंगलवार को हो सकती है. सूत्रों ने कहा कि इस समिति को उन कोयला ब्लॉकों के आवंटन के लिए आरक्षित मूल्य का फैसला करना है, जिनका आवंटन सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में रद्द किया था. समिति में वित्त, बिजली, इस्पात, विधि, खान, पेट्रोलियम व कोयला आदि मंत्रालयों के सचिव शामिल हैं.

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