अंतरिक्ष मलबा : उपग्रहों की सुरक्षा पर इसरो प्रमुख ने जतायी चिंता

एजेंसियां, नयी दिल्लीइसरो प्रमुख के राधाकृष्णन ने अंतरिक्ष मलबे के कारण उपग्रहों की सुरक्षा को लेकर चिंता जतायी और देश के लिए व्यापक अंतरिक्ष नीति बनाने की वकालत की. राधाकृष्णन ने कहा कि ऐसे समय में जब अंतरिक्ष की संपत्तियां दैनिक जीवन का हिस्सा बन रहीं हैं इसकी सुरक्षा सुनिश्चित की जानी चाहिए. वह अंतरिक्ष […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 11, 2014 11:03 PM

एजेंसियां, नयी दिल्लीइसरो प्रमुख के राधाकृष्णन ने अंतरिक्ष मलबे के कारण उपग्रहों की सुरक्षा को लेकर चिंता जतायी और देश के लिए व्यापक अंतरिक्ष नीति बनाने की वकालत की. राधाकृष्णन ने कहा कि ऐसे समय में जब अंतरिक्ष की संपत्तियां दैनिक जीवन का हिस्सा बन रहीं हैं इसकी सुरक्षा सुनिश्चित की जानी चाहिए. वह अंतरिक्ष विभाग के सचिव भी हैं. कहा कि कई हजार संचार उपग्रह हैं और 100 से कम अलग-अलग तरह के अन्य उपग्रह हैं. जिनका काम खत्म हो जाता है उनका क्या होता है. यह अध्ययन का नया क्षेत्र है. उन्होंने कहा कि क्या हम उनकी तालिका बनाने में सक्षम हैं? क्या हम उनकी आवाजाही का पता लगा पाते हैं? क्या हम देख पाते हैं कि हमारे वास्तविक उपग्रह उनसे सुरक्षित हैं? हम उन्हें सुरक्षा की तरफ कैसे ले जायें? क्या हम उनसे निपट सकते हैं या हम मलबे आने की पहचान कर सकते हैं, कोई उपग्रह खुद ही जगह से हट सकता है. भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन के अध्यक्ष यहां के इंस्टीट्यूट फॉर डिफेंस स्टडीज एंड एनालिसिस में ‘भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम का राष्ट्र निर्माण में योगदान’ विषय पर व्याख्यान दे रहे थे. कहा कि करीब 15 हजार से 16 हजार मलबा अंतरिक्ष में बिखरा हुआ है.जानबूझ कर फैला रहे मलबाराधाकृष्णन ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय क्षेत्र में ऐसे समूह हैं, जो अंतरिक्ष में जानबूझकर दिशा-निर्देशों एवं सामान्य व्यवस्था के तहत मलबा पैदा कर रहे हैं और अनजाने में भी पैदा हो रहे हैं. हम जब अंतरिक्ष संपत्तियों पर निर्भर होते हैं, जो हमारी जिंदगी का हिस्सा हैं तो उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करना आवश्यक है. समस्या से निबटने के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रयास किये जा रहे हैं. कहा कि सरकार देश के लिए संपूर्ण अंतरिक्ष कानून बनाने पर गौर कर रही है. जनवरी, 2015 में हम इस पर कार्यशाला आयोजित करने जा रहे हैं. हम हैदराबाद के एक संस्थान और इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ स्पेस लॉ स्कूल के साथ काम कर रहे हैं. हमारे पास है नीति राधाकृष्णन ने कहा कि देश में हमारे पास उपग्रह को लेकर एक नीति है, हमारे पास सैटकॉम नीति है, जो हमारी वेबसाइट पर है. दूरसंवेदी केंद्र आंकड़ा प्रसारण के लिए किस एजेंसी को किस तरह के आंकड़े देने चाहिए, उस पर हमारे पास नीति है और इससे सब वाकिफ हैं. हम देश के लिए संपूर्ण अंतरिक्ष कानून बनाने का प्रयास कर रहे हैं. समझा जाता है कि कार्यशाला में इस मुद्दे पर प्रकाश डाला जायेगा. कहा कि जब मानव अंतरिक्ष मॉड्यूल और रोबोटिक्स की बात आती है, तो भारत दूसरों देशों से तुलना नहीं कर पाता, लेकिन देश इस कला में विशेषज्ञता हासिल करेगा और अंतरिक्ष एजेंसी इस दिशा में काम कर रही है.

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