संसार में मांगते हुए भगवान भी बन जाते है छोटा
फोटो—अमित रांची. पृथ्वी पर भगवान का अवतार अधर्म को दूर कर धर्म की स्थापना के लिए होता है. जो वेद के विरुद्ध कार्य होता है वह अधर्म होता है. वहीं जो वेद के अनुसार कार्य किया जाता है उसे धर्म कहते हंै. भारत की भूमि धर्मप्राण से युक्त है. यहां जन्म लेने वाला हर व्यक्ति […]
फोटो—अमित रांची. पृथ्वी पर भगवान का अवतार अधर्म को दूर कर धर्म की स्थापना के लिए होता है. जो वेद के विरुद्ध कार्य होता है वह अधर्म होता है. वहीं जो वेद के अनुसार कार्य किया जाता है उसे धर्म कहते हंै. भारत की भूमि धर्मप्राण से युक्त है. यहां जन्म लेने वाला हर व्यक्ति महान और अलग होता है. यह बातें बुधवार को हरमू रोड स्थित सुशीला इंक्लेव में श्रीमद् भागवत सप्ताह कथा पर प्रवचन करते हुए महाराज आचार्य पंडित मारुति किंकर ने कहीं. उन्होंने कहा कि भगवान भी लोगों से मांगते हैं. वह मांगते हुए छोटा बन जाते हैं. भारत जैसे पावन स्थल पर पैदा होकर धर्म का पालन करने वाला व्यक्ति लोक में तो जाना ही जाता है उसका परलोक भी अच्छा हो जाता है. कर्म अच्छा होगा तो व्यक्ति का विचार भी शुद्ध होगा. शुद्ध विचार आने से चिंतन शुद्ध होता है.