मुखिया व प्रमुख पर पार्टियां डालने लगी डोरे

चुनावी रण में कूद गयी है पूरी की पूरी पंचायतव्यस्तता भी बढ़ गयी है इनकीमनोज लाल, रांची विधानसभा चुनाव आते ही मुखिया व प्रमुख की पूछ बढ़ गयी है . पंचायतों के विकास की जिम्मेवारी के साथ ही अब उन्हें चुनावी कमान भी संभालनी पड़ रही है. पूरी की पूरी पंचायत चुनावी रण में कूद […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 12, 2014 11:02 PM

चुनावी रण में कूद गयी है पूरी की पूरी पंचायतव्यस्तता भी बढ़ गयी है इनकीमनोज लाल, रांची विधानसभा चुनाव आते ही मुखिया व प्रमुख की पूछ बढ़ गयी है . पंचायतों के विकास की जिम्मेवारी के साथ ही अब उन्हें चुनावी कमान भी संभालनी पड़ रही है. पूरी की पूरी पंचायत चुनावी रण में कूद गयी है. सुबह से लेकर शाम तक वे व्यस्त नजर आ रहे हैं. सुबह एक प्रत्याशी/ दल के साथ बैठक करते हैं, तो शाम में दूसरे के साथ बैठ रहे हैं. अभी तोल-मोल का दौर चल रहा है. यानी वे तय करने में लगे हैं कि कौन से प्रत्याशी/दल के साथ रहना है. चयन के लिए अपने गांव/प्रखंड के हित व व्यक्तिगत लाभ, सारे पहलुओं पर गौर कर रहे हैं. प्रत्याशी व दल के लोग भी सुबह से उनके पीछे दौड़ लगा रहे हैं. सभी उन्हें अपने पक्ष में करने के लिए तरह-तरह से डोरे डाल रहे हैं. इनके माध्यम से प्रत्याशी अपना वोट बैंक मजबूत करने में जुटे हैं. विकास छोड़, चुनावी मुद्दों पर हो रही है बैठकेंआमतौर पर पंचायत सदस्य से लेकर मुखिया, प्रमुख, जिला परिषद सदस्य विकास की योजनाओं पर बैठकें करते हैं. चर्चा का अहम मुद्दा भी यही होता है, पर इन दिनों ये मुद्दे गौण है. अधिकतर जन प्रतिनिधि चुनावी चर्चा में मशगूल हो गये हैं. उनकी बैठकों व चर्चाओं का मुख्य बिंदु यही है कि किसके पक्ष में और क्यों काम करना है. नगर निकाय क्षेत्र में पार्षद भी कूद पड़े हैं रण मेंनगर निकाय क्षेत्र की भी कुछ यही स्थिति है. शहरी इलाके में चुनाव के वोट बैंक जुगाड़ने में पार्षद महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं. ऐसे में प्रत्याशी पार्षदों के संपर्क में हैं, हालांकि पहले से ही कई पार्षद किसी दल विशेष की ओर झुके हुए हैं. प्रत्याशी पार्षदों के माध्यम से आगे बढ़ रहे हैं. मुहल्लों/गलियों में घुस रहे हैं. पार्षद भी पूरी तरह चुनावी रण में कूद गये हैं. अपने स्तर से बैठकें कर रहे हैं. मिलेगी बूथ मैनेजमेंट की जिम्मेवारीअभी से ही प्रत्याशियों के लिए बूथ मैनेजमेंट की बात होने लगी है. यानी प्रत्याशी शहरी इलाकों में पार्षदों को ही बूथ मैनेजमेंट की जिम्मेवारी दें, इसके लिए प्रयास हो रहा है. पार्षदों ने स्पष्ट कर दिया है कि वार्ड में वोटर को मैनेज करने से लेकर बूथ मैनेजमेंट की जिम्मेवारी उनकी रहेगी. सारा कुछ वे संभाल लेंगे.

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