अपने अधिकार के लिए सचेष्ट रहें बच्चे : एसएन प्रधान

राज्य स्तरीय बाल पंचायत का आयोजनतसवीर अमित दास कीवरीय संवाददाता, रांचीराज्य के अपर पुलिस महानिदेशक एसएन प्रधान ने कहा कि बच्चे अपने अधिकारों को हासिल करने के लिए सचेष्ट रहें. इसमें किसी प्रकार की कोताही न बरतें. एस्टेक, राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग और भारतीय किसान संघ की ओर से आयोजित राज्य स्तरीय बाल पंचायत […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 12, 2014 11:03 PM

राज्य स्तरीय बाल पंचायत का आयोजनतसवीर अमित दास कीवरीय संवाददाता, रांचीराज्य के अपर पुलिस महानिदेशक एसएन प्रधान ने कहा कि बच्चे अपने अधिकारों को हासिल करने के लिए सचेष्ट रहें. इसमें किसी प्रकार की कोताही न बरतें. एस्टेक, राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग और भारतीय किसान संघ की ओर से आयोजित राज्य स्तरीय बाल पंचायत कार्यक्रम को संबोधित करते हुए श्री प्रधान ने ये बातें कहीं. उन्होंने कहा कि बच्चों के अधिकारों को मानने के लिए उनके अभिभावक भी तैयार नहीं होते. अधिकतर माता-पिता बच्चों की बातों को सुन कर मतदान नहीं करते. गांवों में बच्चों के अधिकारों को तरजीह नहीं दी जाती. बच्चों को अपने अधिकारों को हासिल करने के लिए जागरूक होना होगा. उन्हें अपने क्षेत्र के विधायकों और जन प्रतिनिधियों के बारे में जानकारी प्राप्त करनी होगी. अपने अधिकारों के लिए आवाज उठानी होगी. उन्होंने कहा कि भारत की कुल आबादी में से 20 प्रतिशत बच्चे हैं. भारतीय बच्चों की संख्या विश्व के 150 देशों की जनसंख्या से भी अधिक है. ये बच्चे भारत के भविष्य हैं. चार तरह की हिंसा के शिकारश्री प्रधान ने कहा कि बच्चे चार तरह की हिंसा के शिकार हो रहे हैं. शारीरिक हिंसा, मानसिक उत्पीड़न, उपेक्षा और यौन शोषण की घटनाएं अक्सर घटती हैं. ये घटनाएं मानवता को शर्मसार करनेवाली होती हैं. इन्हें रोक पाना संभव नहीं हो पा रहा है. झारखंड में 56 लाख बच्चेकार्यक्रम को संबोधित करते हुए श्रमायुक्त मनीष रंजन ने कहा कि झारखंड में 56 लाख बच्चे हैं. उनको शिक्षा और सहभागिता का अधिकार है. सरकारी योजनाओं के सही तरीके से कार्यान्वयन नहीं होने से बच्चों को उनका अधिकार नहीं मिल पा रहा है. कई क्षेत्रों में वे मूलभूत सुविधाओं से वंचित हो रहे हैं. कोई भी राजनीतिक दल बच्चों के अधिकार की बातें नहीं करता. उन्होंने कहा कि बच्चे शिक्षित बनना चाहते हैं. उनकी इच्छा है कि स्कूलों में मध्याह्न भोजन समय पर मिले. बाल श्रमिक की समस्या बंद हो. शिक्षक समय पर आयें. जागरूक करेंगे बच्चे बाल पंचायत में आये सुनील ने कहा कि सरकार अपने घोषणा पत्र में बच्चों के अधिकारों को शामिल करें. बच्चे अपना घोषणा पत्र तैयार कर राजनीतिक दलों को सौंपेंगे. अभिभावकों को समझाया जायेगा कि जो बच्चों के हित की बात करें, उन्हें ही वोट दें. बच्चे भी ऐसे प्रचार कार्यक्रम में शामिल होंगे. खूंटी के गम्हरिया से आये महेश सिंह ने कहा कि बच्चों की सही परवरिश होनी चाहिए. नशा पान की वजह से कई परिवार बिखर रहे हैं. बच्चे बाल श्रम की ओर धकेले जा रहे हैं. बाल संरक्षण अधिकार आयोग के सदस्य संजय मिश्रा ने कार्यक्रम के उद्देश्यों पर प्रकाश डाला.

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