अवैध खनन मामले में राज्य सरकार से जवाब मांगा

मामले की अगली सुनवाई 15 दिसंबर को होगीरांची . झारखंड हाइकोर्ट में गुरुवार को लीज अवधि समाप्त होने के बाद अवैध खनन करने व रॉयल्टी भुगतान नहीं करने को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई हुई. चीफ जस्टिस वीरेंदर सिंह व जस्टिस डीएन पटेल की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई करते हुए राज्य सरकार को […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 13, 2014 11:02 PM

मामले की अगली सुनवाई 15 दिसंबर को होगीरांची . झारखंड हाइकोर्ट में गुरुवार को लीज अवधि समाप्त होने के बाद अवैध खनन करने व रॉयल्टी भुगतान नहीं करने को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई हुई. चीफ जस्टिस वीरेंदर सिंह व जस्टिस डीएन पटेल की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई करते हुए राज्य सरकार को विस्तृत जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया. खंडपीठ ने पूछा कि कितने लीजधारी हैं. लीजधारियों ने कब-कब कितनी रॉयल्टी का भुगतान किया है. कितने अवैध खनन बंद कराये गये हैं. लीज अवधि समाप्त होने के बाद भी खनन कार्य किये जा रहे हैं. इससे सरकार को राजस्व मिल रहा है या नहीं. शपथ पत्र के माध्यम से 14 दिसंबर तक जवाब दाखिल किया जाये. मामले की अगली सुनवाई 15 दिसंबर को होगी. राज्य सरकार की ओर से अधिवक्ता राजेश शंकर ने बताया कि मिनरल कंसेशन रुल के अनुसार लीज की अवधि खत्म होने के बाद यदि कोई कंपनी राज्य सरकार के पास रिन्यूअल का आवेदन देती हैं, और आवेदन लंबित हैं, तो वह स्वत: डिम्ड रिन्यूअल माना जाता है. लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने गोवा फाउंडेशन के मामले में कहा है कि डिम्ड रिन्यूअल सिर्फ एक बार ही हो सकता है. दोबारा रिन्यूअल के लिए राज्य सरकार को निर्णय लेना है. सरकार ने लगभग 12 कंपनियों को खनन बंद करने का आदेश दिया है. कई कंपनियों की ओर से बताया गया कि उनके द्वारा खनन कार्य बंद कर दिया गया है. उल्लेखनीय है कि प्रार्थी अख्तर हुसैन ने जनहित याचिका दायर की है.

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