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नेता घूम-घूम कर कर रहे प्रचार

जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनावएजेंसियां, श्रीनगरजम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनावों के लिए प्रचार अभियान अपने चरम पर है. विभिन्न राजनीतिक दलों के नेता उन 15 निर्वाचन क्षेत्रों में घूम-घूम कर प्रचार कर रहे हैं, जहां इस माह के अंत में चुनाव होने हैं. पहले चरण में राज्य के तीन क्षेत्रों के तहत आनेवाले छह जिलों के कुल 15 निर्वाचन […]

जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनावएजेंसियां, श्रीनगरजम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनावों के लिए प्रचार अभियान अपने चरम पर है. विभिन्न राजनीतिक दलों के नेता उन 15 निर्वाचन क्षेत्रों में घूम-घूम कर प्रचार कर रहे हैं, जहां इस माह के अंत में चुनाव होने हैं. पहले चरण में राज्य के तीन क्षेत्रों के तहत आनेवाले छह जिलों के कुल 15 निर्वाचन क्षेत्रों में मतदान होना है. राज्य के सभी राजनीतिक दल- नेशनल कॉन्फ्रेंस, पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी, कांग्रेस और भाजपा राज्य के तीन क्षेत्रों- जम्मू, कश्मीर और लद्दाख में चुनाव प्रचार में व्यस्त हैं. नेताओं को चुनाव प्रचार के सिलसिले में एक क्षेत्र से दूसरे क्षेत्रों में जाना पड़ रहा है. कश्मीर घाटी के पांच, लद्दाख के चार और जम्मू मंडल के छह निर्वाचन क्षेत्रों में 25 नवंबर को मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे.भाजपा का मिशन 44 प्लस 87 सदस्यीय जम्मू-कश्मीर विधानसभा में अपने ‘मिशन 44 प्लस’ का लक्ष्य पूरा करने की उम्मीद लगा रही भाजपा पहली बार कश्मीर पर अपना ध्यान केंद्रित कर रही है. चुनावों की घोषणा के बाद से पार्टी के महासचिव राम माधव कई बार घाटी का दौरा कर चुके हैं. राज्य में पहली बार अपनी सरकार बनाने के भाजपा के सपने को पूरा करने के लिए और पार्टी की स्थिति मजबूत करने के लिए जरूरी होगा कि वह कुछ सीटें घाटी एवं लद्दाख में जीते और जम्मू की 37 सीटों में बहुमत हासिल करे. हालांकि, भाजपा ने जमीनी स्तर पर भारी प्रचार अभियान शुरू नहीं किया है, लेकिन दिल्ली से शीर्ष नेताओं समेत पार्टी के नेता घाटी में चुनावी जीत का खाता खोलने की संभावनाओं को बढ़ाने के लिए रणनीति तैयार करने में व्यस्त हैं. अब तक घाटी में भाजपा कभी कोई सीट नहीं जीती है. उमर के कंधों पर चुनाव की जिम्मेदारीसत्ताधारी नेशनल कॉन्फ्रेंस के स्टार प्रचारक मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला भी चुनाव प्रचार के लिए राज्य के विभिन्न क्षेत्रों की यात्रा कर रहे हैं. पार्टी के अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री फारुक अब्दुल्ला की अनुपस्थिति में पार्टी काफी मुश्किल समय का सामना कर रही है और चुनाव प्रचार की जिम्मेदारी मुख्यतौर पर उमर के कंधों पर है. उमर ने उत्तरी कश्मीर में जनसभाओं को संबोधित करके घाटी में अपने प्रचार अभियान की शुरुआत कर दी है. फारुक लंदन में अपना उपचार करवा रहे हैं और वे किसी भी तरह से चुनावी प्रक्रिया में भाग नहीं ले सकेंगे. उमर ने बीरवाह में जनसभाओं संबोधित किया. इसी निर्वाचन क्षेत्र से वे चुनाव लड़ रहे हैं. इस क्षेत्र में चुनाव तीसरे चरण के तहत होना है. चेनाब वैली पर पीडीपी का जोर पीडीपी का नेतृत्व भी कश्मीर और जम्मू क्षेत्रों के कई निर्वाचन क्षेत्रों की यात्रा कर रहा है. पीडीपी का विशेष जोर चेनाब वैली पर है, जहां पार्टी इस बार भी चुनावी लाभ हासिल करने की संभावनाएं देख रही है. पीडीपी के मुफ्ती मुहम्मद सईद और उनकी बेटी एवं पार्टी की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने सक्रिय रूप से प्रचार अभियान चलाते हुए उत्तरी एवं दक्षिणी कश्मीर के साथ-साथ चेनाब वैली में कई रैलियों को संबोधित किया है. यहां की सभी छह सीटों- किश्तवाड़, इंदरवाल, डोडा, बंदेरवाह, रामबन और बनिहाल पर प्रथम चरण में मतदान होना है. त्र अंबिका सोनी, गुलाम नबी आजाद, सैफउद्दीन समेत कांग्रेस के अन्य नेताओं ने जम्मू क्षेत्र में प्रचार अभियान शुरू किया है

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