प्रवासी भारतीयों को दें दोहरी नागरिकता

भारतीय समुदाय के लोगों ने चलाया अभियान, मांगीएजेंसियां, मेलबोर्नप्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ऑस्ट्रेलिया के दौरे पर हैं और यहां रह रहे भारतीय समुदाय ने उनसे विदेशों में रह रहे भारतीयों को दोहरी नागरिकता देने का आग्रह करते हुए एक ऑनलाइन अभियान शुरू किया है. अभियान के प्रवक्ता और ‘इंडियन ऑस्ट्रेलियन एसोसिएशन ऑफ न्यू साउथ वेल्स’ के […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 14, 2014 6:06 PM

भारतीय समुदाय के लोगों ने चलाया अभियान, मांगीएजेंसियां, मेलबोर्नप्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ऑस्ट्रेलिया के दौरे पर हैं और यहां रह रहे भारतीय समुदाय ने उनसे विदेशों में रह रहे भारतीयों को दोहरी नागरिकता देने का आग्रह करते हुए एक ऑनलाइन अभियान शुरू किया है. अभियान के प्रवक्ता और ‘इंडियन ऑस्ट्रेलियन एसोसिएशन ऑफ न्यू साउथ वेल्स’ के अध्यक्ष यदु सिंह ने कहा, ‘समय आ गया है कि भारत सरकार प्रवासी भारतीयों को दोहरी नागरिकता प्रदान करे.’ सिंह ने कहा इसे दुनिया भर में रह रहे भारतीयों से, खास कर अमेरिका, कनाडा, ब्रिटेन और ऑस्ट्रेलिया में रह रहे भारतीयों से उत्साहजनक समर्थन मिल रहा है. यह तब तक चलता रहेगा, जब तक भारत दोहरी नागरिकता प्रदान करने पर विचार नहीं करता. दुनिया भर के 200 से अधिक देशों में करीब 2.5 करोड़ प्रवासी भारतीय (एनआरआइ), भारतीय मूल के लोग (पीआइओ) और भारत के समुद्रपारीय नागरिक (ओसीआइ) रह रहे हैं. वर्ष 2013-14 में उन्होंने भारत को करीब 70 अरब डॉलर का योगदान दिया था. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पीआइओ और ओसीआइ कार्ड में बदलाव की घोषणा की. इन हालिया बदलावों का स्वागत है, लेकिन इससे दूसरे देशों में रह रहे भारतीयों की दोहरी नागरिकता की पुरानी मांग पूरी नहीं होती. ओवरसीज सिटिजनशिप कार्ड (ओसीसी) दोहरी नागरिकता से बहुत पीछे की बात है. सिंह ने कहा कि ऑनलाइन याचिका में 900 से अधिक लोग पहले ही हस्ताक्षर कर चुके हैं और अभियान के लिए अपना समर्थन जाहिर कर चुके हैं. वर्ष 2003 में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने दोहरी नागरिकता का वादा किया था और तब से वरिष्ठ राजनीतिज्ञों ने दोहरी नागरिकता के पक्ष में बयान ही दिये हैं.

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