पहले से तैयार था इस रणक्षेत्र का प्लॉट
रांची: कांग्रेस के अंदर गुटबाजी शुक्रवार को खून-खराबे तक पहुंच गयी. धनबाद के विधायक मन्नान मल्लिक और राजेंद्र सिंह के बेटे अनूप सिंह के समर्थकों की लड़ाई में कांग्रेस का अनुशासन जहां लहूलुहान हो गया, वहीं राहुल गांधी की टॉनिक भी बेअसर साबित हो गयी. प्रदेश में कांग्रेस के आला नेता अब अपने उत्तराधिकारियों के […]
रांची: कांग्रेस के अंदर गुटबाजी शुक्रवार को खून-खराबे तक पहुंच गयी. धनबाद के विधायक मन्नान मल्लिक और राजेंद्र सिंह के बेटे अनूप सिंह के समर्थकों की लड़ाई में कांग्रेस का अनुशासन जहां लहूलुहान हो गया, वहीं राहुल गांधी की टॉनिक भी बेअसर साबित हो गयी.
प्रदेश में कांग्रेस के आला नेता अब अपने उत्तराधिकारियों के वर्चस्व की लड़ाई लड़ रहे हैं. मन्नान और अनूप समर्थकों का झंझट पुराना है. पिछले वर्ष यूथ कांग्रेस के चुनाव के समय ही इसका प्लॉट तैयार हो गया था. पूर्व स्पीकर आलमगीर आलम के बेटे तनवीर आलम व राजेंद्र सिंह के बेटे अनूप सिंह यूथ कांग्रेस चुनाव में उतरे थे. यूथ कांग्रेस के चुनाव में मन्नान मल्लिक ने तब तनवीर का समर्थन किया था. लड़ाई की पृष्ठभूमि में कोयला यूनियन की लड़ाई भी है. समय-समय पर कांग्रेस के नेताओं में यूनियन के वर्चस्व को लेकर भी संघर्ष होता रहा है.
16 जून को भी हुई थी बकझक
कांग्रेस की प्रमंडलीय बैठक में मन्नान मल्लिक और अनूप सिंह के समर्थकों के बीच बकझक हुई थी. दोनों ओर से एक-दूसरे को देख लेने की धमकी भी दी गयी थी. शुक्रवार को दोनों पक्ष पूरी तैयारी के साथ पहुंचे थे. कांग्रेस के कई नेताओं ने सक्रियता दिखायी, नहीं तो उसी दिन बड़ी घटना घट जाती.
क्या है राहुल फॉर्मूला
पार्टी के अंदर गुटबाजी बरदाश्त नहीं करेंगे.
पैरवी पुत्रों और बड़े नेताओं की जगह काम करनेवालों को मौका.
दिल्ली घूमने और हवाई नेताओं को मिलता है चुनाव का टिकट.
अनुशासन तोड़नेवाले नेताओं पर कार्रवाई करें.
यहां हो क्या रहा है
झारखंड में नेताओं के अलग-अलग खेमे.
झारखंड में बड़े नेताओं के बेटे-रिश्तेदारों का संगठन पर कब्जा.
टिकट के लिए दिल्ली में नेता करते हैं लॉबिंग.
विधायक और प्रदेश के नेता अनुशासन तोड़ते रहे हैं, नहीं होती कार्रवाई.