महिलाओं की तरक्की में बाधक है ‘परदा प्रथा’: मुलायम

ब्यूरो, लखनऊउत्तर प्रदेश में सत्तारूढ़ समाजवादी पार्टी के मुखिया मुलायम सिंह यादव ने ‘परदा प्रथा’ को महिलाओं की तरक्की में बाधक करार देते हुए सोमवार को कहा कि बदलाव के इस दौर में औरतों को पुरुषों के कंधे से कंधा मिला कर चलने का मौका देने के लिए ऐसी कुरीतियां खत्म होनी चाहिए.यादव ने यहां […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 17, 2014 5:01 PM

ब्यूरो, लखनऊउत्तर प्रदेश में सत्तारूढ़ समाजवादी पार्टी के मुखिया मुलायम सिंह यादव ने ‘परदा प्रथा’ को महिलाओं की तरक्की में बाधक करार देते हुए सोमवार को कहा कि बदलाव के इस दौर में औरतों को पुरुषों के कंधे से कंधा मिला कर चलने का मौका देने के लिए ऐसी कुरीतियां खत्म होनी चाहिए.यादव ने यहां आयोजित समाजवादी महिला सभा के राष्ट्रीय सम्मेलन में कहा कि समाज में आज भी महिलाओं का ही सबसे ज्यादा शोषण होता है. घर की चहारदीवारी में भेदभाव अब भी कायम है. उन्होंने कहा, ‘महिलाओं में हीनता की भावना दूर करनी होगी. परदा एक गलत परंपरा है और इसे खत्म करना चाहिए. पुराने युगों में यह प्रथा नहीं थी. क्या सीता जी ने कभी परदा किया, क्या द्रौपदी परदा करती थीं…. बीच में कुछ हालात बने, जिनसे महिलाओं को परदा करना पड़ा.’ सपा प्रमुख ने कहा, ‘अब तो महिलाएं वर्दी पहन कर सामने आ चुकी हैं. अब आप ही तय करें इस परदे की प्रथा के बारे में…….ये कुरीतियां खत्म होनी चाहिए.’ इसके पूर्व, सपा के वरिष्ठ नेता एवं प्रदेश के काबीना मंत्री शिवपाल सिंह यादव ने कहा कि प्रदेश की नौकरियों में महिलाओं को 50 प्रतिशत आरक्षण दिया जाना चाहिए. महिलाएं ‘कमजोर और निर्धन’ होती हैं. अगर उन्हें यह आरक्षण दिया जाए तो उनके लिये बहुत अच्छा होगा और वे अपने परिवार को आर्थिक रुप से भी सहारा दे सकेंगी. सपा प्रमुख की बहू और कन्नौज से पार्टी सांसद डिम्पल यादव ने इस मौके पर कहा कि सपा को प्रदेश की सत्ता में लाने में महिलाओं का बराबर का योगदान रहा है. उन्होंने कहा कि आज महिलाओं को कुपोषण, महिला शिक्षा और अपने स्वास्थ्य के बारे में जागरूक करने का लक्ष्य है. साथ ही बालिका शिक्षा पर भी विशेष जोर देना होगा.

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