आपकी राय…….तसवीर है
चुनाव में फिर बीती दुर्दशा न दोहराएंझारखंड निर्माण के 14 साल पूरे हो गये. पर हम झारखंड वासियों का सपना पूरा होना दूर है. लगातार कर्ज लेती हमारी सरकार के कारण हम झारखंडी भी कर्जदार हैं. इस राज्य में चंद लोगों की चांदी है. आम आदमी की मुश्किलें खत्म होती नहीं लगती. झारखंड के साथ […]
चुनाव में फिर बीती दुर्दशा न दोहराएंझारखंड निर्माण के 14 साल पूरे हो गये. पर हम झारखंड वासियों का सपना पूरा होना दूर है. लगातार कर्ज लेती हमारी सरकार के कारण हम झारखंडी भी कर्जदार हैं. इस राज्य में चंद लोगों की चांदी है. आम आदमी की मुश्किलें खत्म होती नहीं लगती. झारखंड के साथ ही बना छत्तीसगढ़ व उत्तराखंड कहीं आगे निकल गया. हम पीछे खड़े हैं. इसका समाधान भी हमें ही ढूंढ़ना होगा. चुनाव इसका बेहतर अवसर है. हमें जाति, धर्म व लैंगिक भेदभाव से ऊपर उठ कर तथा बाहरी-भीतरी की दीवार गिरा कर पूर्ण बहुमत वाली सरकार बनानी होगी. चाहे यह किसी भी राजनीतिक दल की हो. हमें अपने मताधिकार का प्रयोग जरूर करें…फिर बीती दुर्दशा न दोहराएं, झारखंड के विकास में हाथ बढ़ाएं. अजय कुमार, सचिव, ह्यूमैनिटी.