जापान आर्थिक मंदी का शिकार!
एजेंसियां, टोक्योदुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था वाला देश अप्रत्याशित रूप से मंदी का शिकार हो गया है. यहां की अर्थव्यवस्था लगातार दूसरी तिमाही में सिकुड़ कर तकनीकी रूप से मंदी में चली गयी है. जापान का सकल घरेलू उत्पाद जुलाई से सितंबर के महीने में 1.6 प्रतिशत रहा, जबकि यह 2.1 प्रतिशत अनुमानित था. […]
एजेंसियां, टोक्योदुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था वाला देश अप्रत्याशित रूप से मंदी का शिकार हो गया है. यहां की अर्थव्यवस्था लगातार दूसरी तिमाही में सिकुड़ कर तकनीकी रूप से मंदी में चली गयी है. जापान का सकल घरेलू उत्पाद जुलाई से सितंबर के महीने में 1.6 प्रतिशत रहा, जबकि यह 2.1 प्रतिशत अनुमानित था. दूसरी तिमाही में अर्थव्यस्था में 7.3 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गयी है. यह गिरावट मार्च 2011 में जापान में आये भूकंप और सूनामी के बाद की सबसे बड़ी गिरावट है.अर्थशास्त्रियों का कहना है कि प्रधानमंत्री शिंजो अबे द्वारा बिक्र ी कर में 10 प्रतिशत वृद्धि करने में हुई देरी के कारण जापान की अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचा है. हालांकि माना यह भी जा रहा है कि बिक्री कर में वृद्धि को टालने के लिए जापान के प्रधानमंत्री 2015 में होनेवाले चुनाव की समयपूर्व घोषणा कर सकते हैं. बिक्र ी कर के संबंध मे कानून पुरानी सरकार ने 2012 में बनाया था, ताकि जापान के कर्ज भार को कम किया जा सके. अप्रैल के महीने में बिक्र ी कर पांच प्रतिशत बढ़ाया गया, जिसका असर विकास पर पड़ा. आशंका जाहिर की जा रही है कि इसी वजह से अर्थव्यवस्था में मंदी छायी है. नये आंकड़ों के अनुसार, लोगों के खान-पान और वस्तुओं के इस्तेमाल में भी बड़ी कमी आयी है, जो अर्थव्यवस्था का 60 प्रतिशत है.