फ्लाइट में बैठ कर अंडमान से लौटे 188 मजदूर
अंडमान-निकोबार से फ्लाइट से 188 श्रमिक गुरुवार को बिरसा मुंडा एयरपोर्ट पहुंचे. इनमें रांची, दुमका, लोहरदगा, पलामू, गढ़वा, खूंटी, सिमडेगा सहित अन्य जिलों के श्रमिक शामिल हैं.
रांची : अंडमान-निकोबार से फ्लाइट से 188 श्रमिक गुरुवार को बिरसा मुंडा एयरपोर्ट पहुंचे. इनमें रांची, दुमका, लोहरदगा, पलामू, गढ़वा, खूंटी, सिमडेगा सहित अन्य जिलों के श्रमिक शामिल हैं. सभी वहां रोड व पुल बनानेवाली कंपनी में काम करते थे. एयरपोर्ट पर उतरने के बाद श्रमिकों की जांच की गयी और उन्हें नाश्ते का पैकेट दिया गया. पेयजल स्वच्छता मंत्री मिथिलेश ठाकुर इन मजदूरों को लेने और इनका हाल जानने के लिए एयरपोर्ट पहुंचे थे. मंत्री ने कहा कि जब तक राज्य के सभी श्रमिक वापस नहीं लौट जाते हैं, अभियान जारी रहेगा. सरकार इनके लिए यहीं पर काम की व्यवस्था करने के लिए प्रयास कर रही है.
लौटनेवालों में रांची, दुमका, लोहरदगा, पलामू, गढ़वा सहित अन्य जिलों के श्रमिक
सभी अंडमान-निकोबार में रोड और पुल बनानेवाली कंपनी में करते थे काम, कहा : हमें किसी तरह की परेशानी नहीं थी
जब तक राज्य के सभी श्रमिक वापस नहीं लौट जाते हैं, उनकी सरकार का अभियान जारी रहेगा : मिथिलेश ठाकुर
श्रमिक बोले : आने में नहीं हुई दिक्कत खेती-बारी के बाद फिर चले जायेंगे
एयरपोर्ट से बाहर आये श्रमिकों ने कहा कि उन्हें अंडमान-निकोबार में किसी प्रकार की दिक्कत नहीं होती थी. छह महीने काम करने के बाद खेती-बारी के लिए घर आ जाते हैं. बाद में फिर जाते हैं. वहां समय पर रुपये भी मिल जाते हैं. जब उनसे पूछा गया कि क्या आप फिर वहां जाना चाहेंगे? श्रमिकों ने कहा कि खेती-बारी का काम पूरा करने के बाद फिर चले जायेंगे. दुमका निवासी बहादुर खलखो ने कहा कि वे खेती-बारी करने के बाद अंडमान लौट जायेंगे. उन्हें विमान में आने में किसी तरह की कोई परेशानी नहीं हुई.
दुमका निवासी सुनील ने कहा कि हम वहां रोड व पुल बनानेवाले कंपनी में काम करते हैं. किसी प्रकार की दिक्कत नहीं थी. गुमला के बसिया निवासी देवंती ने कहा कि अंडमान-निकोबार से आने में किसी तरह की परेशानी नहीं हुई. हम लोगों के लिए बेहतर व्यवस्था की गयी थी.