मंत्रालयों के बीच मुकदमों को कम करने के लिए सरकार लायेगी नीति

नयी दिल्ली. मंत्रालयों के बीच मुकदमों के चलते कई प्रस्ताव लंबित होने के मद्देनजर सरकार एक नयी नीति ला रही है, ताकि विभाग एक दूसरे के खिलाफ मुकदमे दर्ज नहीं करायें और मध्यस्थता तथा सुलह के माध्यम से मामलों को सुलझाया जाये. राष्ट्रीय मुकदमा नीति के साथ सरकार की योजना है कि मंत्रालयों और विभागों […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 19, 2014 7:02 PM

नयी दिल्ली. मंत्रालयों के बीच मुकदमों के चलते कई प्रस्ताव लंबित होने के मद्देनजर सरकार एक नयी नीति ला रही है, ताकि विभाग एक दूसरे के खिलाफ मुकदमे दर्ज नहीं करायें और मध्यस्थता तथा सुलह के माध्यम से मामलों को सुलझाया जाये. राष्ट्रीय मुकदमा नीति के साथ सरकार की योजना है कि मंत्रालयों और विभागों को अदालती मामलों में कमी लाने के लिए कानूनों में संशोधन के लिए प्रोत्साहित किया जाये. इस दिशा में वित्त मंत्रालय निगोशियेबल इंस्ट्रूमेंट एक्ट में संशोधन कर सकता है, ताकि अदालतों पर चैक बाउंस से जुड़े मामलों के मुदकमों के संबंध में बोझ कम हो सके. परिवहन मंत्रालय भी चालान से जुड़े मुकदमों की संख्या कम करने के मकसद से मोटर वाहन अधिनियम में संशोधन कर सकता है. कानून मंत्री डीवी सदानंद गौड़ा ने यहां बताया कि अनेक मंत्रालयों से सुझावों के बाद नयी नीति के मसौदे को कैबिनेट में ले जाया जायेगा. कहा कि प्रस्तावित नीति साफ करती है कि सरकारी विभागों को एक दूसरे के खिलाफ अदालत में जाने से बचना चाहिए. इसमें यह भी कहा गया है कि अदालतों से तभी संपर्क करना चाहिए, जब सरकारी विभाग इस बात से पूरी तरह संतुष्ट हो कि मुकदमा ही एक मात्र विकल्प है.

Next Article

Exit mobile version