क्यों न बने यह चुनावी मुद्दा

झारखंड में लूट-डकैती की घटनाएं थम नहीं रही है. पिछले 24 घंटे में राज्य में बैंक लूट और ट्रेन में लूटपाट की बड़ी घटनाएं हुईं. राजधानी से सटे नगड़ी क्षेत्र में झारखंड ग्रामीण बंैक की ललगुटुवा शाखा से दिन-दहाड़े 5.44 लाख रुपये लूट लिये गये. गिरिडीह में मधुपुर सवारी ट्रेन में बेखौफ अपराधियों ने एसी […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 19, 2014 10:02 PM

झारखंड में लूट-डकैती की घटनाएं थम नहीं रही है. पिछले 24 घंटे में राज्य में बैंक लूट और ट्रेन में लूटपाट की बड़ी घटनाएं हुईं. राजधानी से सटे नगड़ी क्षेत्र में झारखंड ग्रामीण बंैक की ललगुटुवा शाखा से दिन-दहाड़े 5.44 लाख रुपये लूट लिये गये. गिरिडीह में मधुपुर सवारी ट्रेन में बेखौफ अपराधियों ने एसी बोगी तोड़ कर यात्रियों से पांच लाख की संपत्ति लूट ली. आधे घंटे तक लूटपाट होती रही, रेल यात्री पिटते रहे, पर कोई सुरक्षाकर्मी उन्हें बचाने नहीं आया. राज्य की विधि व्यवस्था ऐसी है कि आम लोग अब अपने घर में भी सुरक्षित महसूस नहीं करते. सरकारी आंकड़े ही इसके गवाह हैं. पिछले 14 वषार्ें में लाखों-करोड़ों की बैंक डकैती हो चुकी है. सैकड़ों लूटपाट की घटनाएं हो चुकी हैं. इन अपराधों पर रोक-थाम तो दूर, पुलिस प्रशासन शायद की किसी मामले में त्वरित कार्रवाई की हो. हर दिन आम जनता ही अपराधियों का निशाना बनती है. जनता के सेवक कहे जानेवाले नेता-अफसर को तो इसकी चिंता नहीं. उन्हें तो पूरी सुरक्षा मिली रहती है. उनके आवास-मकान में सुरक्षाकर्मी तैनात रहते हैं. अपनी भी विशेष सुरक्षा मिली रहती है. आम जनता के पैसे व सहयोग से राज करनेवाले इन नेताओं-अफसरों को रास्ते पर लाने के लिए इस विधानसभा चुनाव में क्या यह चुनावी मुद्दा नहीं बनना चाहिए?हाल के वषार्ें में बैंक लूट की घटनाएं 06 अगस्त 2008 : गुमला के रायडीह स्थित बैंक ऑफ इंडिया से 1.50 लाख की लूट.03 दिसंबर 2008 : केनरा बैंक डोरंडा (रांची) से 1.75 लाख की लूट.19 जून 2009 : हजारीबाग के मालवीय मार्ग स्थित यूको बैंक से 33 लाख की लूट.21 मई 2010 : गिरिडीह के बुडूडीह स्थित ग्रामीण बैंक से चार लाख की लूट.23 जुलाई 2010 : गिरिडीह में ग्रामीण बैंक के चिचाकी ब्रांच से पांच लाख की लूट.12 अक्तूबर 2010 : धनबाद में स्टेट बैंक ऑफ इंडिया से 2.17 लाख की लूट.21 दिसंबर 2010 : सरायकेला में देना बैंक के आदित्यपुर ब्रांच से 12.50 लाख की लूट.21 दिसंबर 2010 : गढ़वा के वनांचल ग्रामीण बैंक से 8.50 लाख की लूट. 22 फरवरी 2011 : जमशेदपुर में यूनियन बैंक की शाखा से 6.86 लाख की लूट.25 जनवरी 2012 : पलामू के वनांचल बैंक की डंगवारा शाखा से 35 हजार की लूट.

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