ऊर्जा की जननी के रूप में बन सकती है झारखंड की पहचान : मुंडा

फोटो भी है- नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ स्टडी एंड रिसर्च इन लॉ का ‘संवाद’ कार्यक्रम संवाददाता रांची नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ स्टडी एंड रिसर्च इन लॉ के ‘संवाद’ कार्यक्रम में बुधवार को विभिन्न राजनीतिक पार्टियों के लोगों ने विधानसभा चुनाव के संदर्भ में बात रखी. उन्होंने छात्रों के सवालों के जवाब भी दिये. यह आयोजन जेएससीए क्रिकेट […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 19, 2014 10:02 PM

फोटो भी है- नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ स्टडी एंड रिसर्च इन लॉ का ‘संवाद’ कार्यक्रम संवाददाता रांची नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ स्टडी एंड रिसर्च इन लॉ के ‘संवाद’ कार्यक्रम में बुधवार को विभिन्न राजनीतिक पार्टियों के लोगों ने विधानसभा चुनाव के संदर्भ में बात रखी. उन्होंने छात्रों के सवालों के जवाब भी दिये. यह आयोजन जेएससीए क्रिकेट स्टेडियम में किया गया.खनिज संपदा और मानव संसाधन के बीच समन्वय जरूरीपहले वक्ता, पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा ने कहा कि झारखंड संसाधनों का प्रदेश है, खनिज संपदा से समृद्ध है यहां सब कुछ है, पर बदहाली इसलिए है क्योंकि यहां की खनिज और मानव संसाधन के बीच समन्वय बन पाया. जिस दिन यह हो जायेगा, यह राज्य ऊर्जा की जननी के रूप में देखा जायेगा. इसे बनाने के लिए राज्य को एक जवाबदेह और जिम्मेवार सरकार चाहिए. हम यहां अच्छी शिक्षण संस्थाओं को लाना चाहते हैं. विकास के लिए कल्याणकारी कार्य, अच्छी कानून व्यवस्था, सही वितरण प्रणाली और संस्थागत विकास जरूरी हैंलोग नहीं चाहते कि झारखंडियों को पहचान मिलेझामुमो प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि लोग नहीं चाहते कि झारखंडियों को पहचान मिले, क्योंकि ऐसा होने पर यहां के संसाधनों पर यहां के लोगों का अधिकार हो जायेगा. अपने यूरेनियम से देश को न्यूक्लियर पावर बनाने वाले जादूगुड़ा के नवजात बच्चे भी विकिरण का प्रभाव झेल रहे. लौह अयस्क उत्पादन क्षेत्र के लोगों की औसत आयु मात्र 48 है. बिजली देने के लिए हजारों गांव विलीन हो गये. पर देश हित में यहां के लोगों ने सब कुछ स्वीकार किया. देश में हुए नेतृत्व परिवर्तन पर परोक्ष कटाक्ष करते हुए उन्होंने कहा कि सुनामी कभी अच्छाई के लिए नहीं आती. विध्वंस लाती है. विकास का मतलब विनाश नहीं हो सकता. लोगों को उनके सवालों के जवाब तब मिलेंगे, जब जवाब देने वाले उनके बीच के लोग हों. कुछ लोग केंद्र का भ्रम यहां भी फैलाना चाहते हैं.औद्योगिक संभावनाओं को बढ़ाने के लिए कानून में संशोधन की आवश्यकताभाजपा के प्रदेश अध्यक्ष रवींद्र कुमार राय ने कहा कि झारखंड का गठन इसकी खनिज संपदा के कारण हुआ. खनिज को औद्योगिकिकरण के संदर्भ में देखा जाता है. अंगरेजों के कानून ने खनिज के औद्योगिक उपयोग पर रोक लगाने का काम ही किया. इससे यहां उद्योगों की स्थापना नहीं हो पायी. यहां की औद्योगिक संभावनाओं को बढ़ाने के लिए कुछ संशोधनों की जरूरत होगी. उन्होंने कहा सांप्रदायिक नजरिये के कारण स्कूल कॉलेजों में गीता की पढ़ायी नहीं होती, चाणक्य के बारे में नहीं पढ़ाया जाता. हमें नैतिक और आधुनिक शिक्षा को जोड़ कर खोयी गरिमा लौटानी होगी. कार्यक्रम में प्रो निमेष दासगुप्ता, अनुराग वर्मा, शिशिर कुमार, अमित चरण, रत्नेश आनंद, अजय रवि पासवान, किशोर झा, मनीष शर्मा व अन्य मौजूद थे.

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