नहीं हो सका राज्य का अपेक्षित विकास
प्रभात खबर का मतदाता जागरूकता रथ सरायकेला, खरसावां, चाईबासा और चक्रधरपुर पहुंचा जरा सोचिए! झारखंड के साथ बना उत्तराखंड व छत्तीसगढ़, वो कहां, हम कहां जागरूकता रथ आज जगन्नाथपुर, मनोहरपुर, मझगांव पहुंचेगाफोटो19एशेकेएल5 से 10 तक सरायकेला में प्रभात खबर के रथ का फोटोफोटो19केएसएन 1से 5 तक खरसावां का फोटोसरायकेला/खरसावां/चक्रधरपुर/चाईबासा : प्रभात खबर की तरफ से […]
प्रभात खबर का मतदाता जागरूकता रथ सरायकेला, खरसावां, चाईबासा और चक्रधरपुर पहुंचा जरा सोचिए! झारखंड के साथ बना उत्तराखंड व छत्तीसगढ़, वो कहां, हम कहां जागरूकता रथ आज जगन्नाथपुर, मनोहरपुर, मझगांव पहुंचेगाफोटो19एशेकेएल5 से 10 तक सरायकेला में प्रभात खबर के रथ का फोटोफोटो19केएसएन 1से 5 तक खरसावां का फोटोसरायकेला/खरसावां/चक्रधरपुर/चाईबासा : प्रभात खबर की तरफ से चलाये जा रहे मतदाता जागरूकता अभियान के तहत प्रचार रथ बुधवार को सरायकेला विधान सभा क्षेत्र पहुंचा. इस दौरान गम्हरिया, कोलेबिरा, सरायकेला बाजार, सरायकेला गैरेज चौक में सभाएं की गयीं. खरसावां विधान सभा में खरसावां बाजार, चक्रधरपुर विधानसभा में चक्रधरपुर मेन रोड एवं चाईबासा विधानसभा में चाईबासा बस स्टैंड के पास मतदाताओं को जागरूक किया गया. वरिष्ठ पत्रकार अनुज कुमार सिन्हा ने कहा कि अलग राज्य गठन के 14 वर्षों के पश्चात भी राज्य का अपेक्षित विकास नहीं हो सका है. वर्ष 2000 में झारखंड के साथ उत्तराखंड व छत्तीसगढ़ राज्य का भी निर्माण हुआ था, परंतु दोनों राज्यों की तुलना में झारखंड काफी पीछे है. इन 14 वर्षों में राज्य में कई मुख्यमंत्री बदले. कई बार राष्ट्रपति शासन लगा और विकास के मामले में राज्य आज भी वहीं खड़ा है. उन्होंने कहा कि हमारे राज्य में देश का 40 प्रतिशत कोयला है, बावजूद हम अंधेरे में रह रहे हैं. विधि व्यवस्था की स्थिति भी दयनीय है. इन 14 वर्षों में किसी को कम किसी को ज्यादा शासन करने का मौका मिला, परंतु राज्य का विकास किसी ने नहीं किया. राज्य के 34 प्रतिशत लोग निरक्षर हैं. शिक्षा के लिए स्कूल हैं, तो शिक्षक नहीं हैं. शिक्षकों के रिक्त पद को अब तक भरा नहीं जा सका है. सरकार शिक्षकों की बहाली नहीं कर सकी है, लोगों को नौकरी नहीं मिल रही है. पड़ोसी राज्य बिहार ने इन 14 वर्षों में सवा चार लाख लोगों को नौकरी दी है. इनमें से सवा तीन लाख शिक्षकों की बहाली हुई है. झारखंड के युवक व युवतियों को रोजगार इसलिए नहीं मिल पाया है, क्योंकि सरकारें अब तक स्थानीय नीति नहीं बना सकी है. गंठबंधन की सरकार कोई भी निर्णय नहीं ले सकी. राज्य की दुर्गति के लिए कोई एक राजनीतिक पार्टी या नेता दोषी नहीं हैं. हम सब दोषी हैं, क्योंकि हमने मत देने में सतर्कता नहीं बरती. उन्होंने कहा कि राज्य के विकास के लिए प्रभात खबर द्वारा ‘आओ हालात बदलें’ कार्यक्रम चलाया जा रहा है, जिसमें मतदाताओं को वोट के प्रति जागरूक किया जा रहा है. सभा में वरिष्ठ पत्रकार रंजीत कुमार सिंह ने भी अपने विचार रखे. इस मौके पर काफी संख्या में लोग उपस्थित थे.