कोयला घोटाला में विशेष कोर्ट का निर्देश
और जांच करे सीबीआइ (हेडिंग)नयी दिल्ली. दिल्ली की एक विशेष अदालत ने गुरुवार को कोयला घोटाले से जुड़े एक ऐसे मामले में घिरी निजी कंपनी तथा तीन अन्य व्यक्तियों के खिलाफ आगे और जांच करने के निर्देश दिये, जिसमें जांच एजेंसी सीबीआइ ने ‘क्लोजर रिपोर्ट’ दाखिल कर दी थी. सीबीआइ की इस क्लोजर रिपोर्ट से […]
और जांच करे सीबीआइ (हेडिंग)नयी दिल्ली. दिल्ली की एक विशेष अदालत ने गुरुवार को कोयला घोटाले से जुड़े एक ऐसे मामले में घिरी निजी कंपनी तथा तीन अन्य व्यक्तियों के खिलाफ आगे और जांच करने के निर्देश दिये, जिसमें जांच एजेंसी सीबीआइ ने ‘क्लोजर रिपोर्ट’ दाखिल कर दी थी. सीबीआइ की इस क्लोजर रिपोर्ट से विशेष सरकारी वकील (एसपीपी) असहमत थे और वह इस मामले में मुकदमा चालाने के पक्ष में थे. मामले की सुनवाई कर रही विशेष अदालत के जज भरत पराशर ने जांच एजेंसी को मामले की जांच जारी रखने और 19 दिसंबर को अदालत में स्टेटस रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया. कहा कि वह जांच की प्रगति रिपोर्ट देख कर इसमें कथित अपराध के बारे में संज्ञान लेने के विषय में विचार करेगी.मामला नागपुर के कारोबारी मनोज जायसवाल, जैस इन्फ्रास्ट्रक्चर एंड पावर लिमिटेड, अभिषेक जायसवाल और आनंद जायसवाल के खिलाफ कोल ब्लॉक हासिल करने के लिए कथित रूप से अनियमितता बरतने के आरोप से जुड़ा है. सीबीआइ ने इसमें प्राथमिकी दर्ज थी, पर बाद में मामला बंद करने की रपट लगा दी. एजेंसी ने इससे पहले जेएलडी यवतमाल एनर्जी लिमिटेड, इसके निदेशकों विजय दर्डा, उनके बेटे देवेंद्र दर्डा, राजेंद्र दर्डा, मनोज जायसवाल, आनंद जायसवाल और अभिषेक जायसवाल तथा अन्य अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ एफआइआर दर्ज की थी. इसमें आरोप था कि जेएलडी यवतमाल ने 1999-2005 में अपनी सहायक कंपनियों को पूर्व में चार कोयला ब्लॉक आवंटन मिलने के बारे में तथ्यों को छिपाया.