खतियान व OBC आरक्षण पर राज्यपाल से मिलेंगे झारखंड के विधायक, CM ने सभी दलों के प्रतिनिधियों को भेजा पत्र
आरक्षण संशोधन विधेयक और झारखंड स्थानीय व्यक्तियों की परिभाषा व इसके लाभों से जुड़े विधेयक को संवैधानिक कवच प्रदान कराना सरकार की प्राथमिकता है. 11 नवंबर, 2022 को झारखंड विधानसभा से इसे सर्वसम्मति से पारित कराया गया है
1932 के खतियान के आधार पर झारखंडियों की पहचान और राज्य में ओबीसी सहित अन्य वर्गों की आरक्षण सीमा को बढ़ाने संबंधित मुद्दे पर विधायक राज्यपाल रमेश बैस से मुलाकात करेंगे़ मंगलवार को करीब 20 विधायक दिन के तीन बजे राज्यपाल से मिलेंगे. इधर, मुख्यमंत्री ने सभी दलों को पत्र लिख कर अपना प्रतिनिधि भेजने का आग्रह किया है. सत्ता पक्ष के विधायक राज्यपाल से मिल कर खतियान और आरक्षण का बिल केंद्र सरकार को जल्द से जल्द भेजने का आग्रह करेंगे.
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने दलों के नेताओं को पत्र लिख कर कहा है कि आरक्षण संशोधन विधेयक और झारखंड स्थानीय व्यक्तियों की परिभाषा व इसके लाभों से जुड़े विधेयक को संवैधानिक कवच प्रदान कराना सरकार की प्राथमिकता है. 11 नवंबर, 2022 को झारखंड विधानसभा से इसे सर्वसम्मति से पारित कराया गया है. झारखंड में जब भी स्थानीय नीति बनाने का प्रयास कार्यपालिका से हुआ है. उसमें सफलता नहीं मिली है. उच्च न्यायालय द्वारा उन नीतियों को खारिज किया जाता रहा है.
अभी कुछ दिन पूर्व उच्च न्यायालय ने 2021 में बनी नियोजन नीति को रद्द कर दिया है. ऐसी परिस्थितियों में इन दोनों विधेयकों को संवैधानिक कवच पहनाना है. इसे संविधान की नौवीं अनुसूची में शामिल कराने का सर्वसम्मत निर्णय विधानसभा ने लिया है. ऐसे में झारखंड के राज्यपाल से मिल कर उनसे आग्रह किया जायेगा कि वे दोनों विधेयक भारत सरकार को भेजें, जिससे यह विधेयक जल्द से जल्द कानून का रूप ले सके.
कार्यमंत्रणा में विचार :
सोमवार को विधानसभा में कार्यमंत्रणा की बैठक में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने पक्ष-विपक्ष के विधायकों से आग्रह करते हुए कहा कि इस मामले को लेकर राज्यपाल से मुलाकात कर आग्रह किया जाये. कोर्ट ने नियोजन नीति रद्द कर दी है. इससे राज्य के युवाओं में निराशा है़ खतियान आधारित नियोजन नीति से सारी समस्याएं दूर होंगी़ राज्यपाल से आग्रह किया जायेगा कि वह राज्यहित में बिल जल्द केंद्र को विचार के लिए भेज दें.
पक्ष-विपक्ष के विधायक इस मामले को लेकर राज्यपाल से मिलने चले़ं इस पर निर्दलीय विधायक सरयू राय का कहना था कि यह विषय कार्यमंत्रणा का नहीं है. भाजपा विधायक सीपी सिंह ने कहा कि इसके लिए पार्टी से बात करना चाहिए़ पार्टी को पत्र भेज कर आग्रह करे़ं इसे हम यहां तय नहीं कर सकते है़ कार्यमंत्रणा में भाजपा विधायक सीपी सिंह सहित नीलकंठ सिंह मुंडा, रामचंद्र चंद्रवंशी, अपर्णा सेन मौजूद थी़ं कार्यमंत्रणा की बैठक में विधायक सीपी सिंह और प्रदीप यादव में हो-हंगामा को लेकर हल्की बहस हुई.
प्रदीप यादव का कहना था कि सदन में श्रद्धांजलि के दौरान हंगामा पहली बार हुआ है, यह परंपरा सही नहीं है़ इस पर सीपी सिंह ने कहा कि आप पहले भी ऐसा खुद कर चुके है़ं प्रदीप यादव ने कहा कि सदन में प्रोसिडिंग होगी, दिखा दे़ं मैं ऐसा नहीं कर सकता हू़ं कार्यमंत्रणा की बैठक में स्पीकर रबींद्रनाथ महतो की अध्यक्षता में हुई. बैठक में संसदीय कार्यमंत्री आलमगीर आलम, मंत्री सत्यानंद भोक्ता, चंपई सोरेन, नलीन सोरेन, स्टीफन मरांडी, डॉ सरफराज अहमद, विनोद सिंह, कमलेश सिंह शामिल हुए़
गवर्नर के पास भेजा गया 1932 खतियान बिल
1932 खतियान विधेयक राज्यपाल रमेश बैस की स्वीकृति के लिए उनके पास भेज दिया गया है. विधानसभा के विशेष सत्र में पेश किये गये अधिनियम में स्थानीय को ही राज्य सरकार के तृतीय और चतुर्थ श्रेणी की नौकरियां देने से संबंधित प्रावधान को जोड़ कर अधिनियम राज्यपाल को भेजा गया है. . राज्यपाल की सहमति के बाद विधेयक राष्ट्रपति की मंजूरी के लिए भेजा जायेगा.
पत्र मिला है, पार्टी में चर्चा होगी : दीपक
रांची. भाजपा अध्यक्ष दीपक प्रकाश ने कहा है कि हम स्थानीयता को जल्द लागू करने के पक्ष में है़ं राज्य सरकार ने इसे टालने का काम किया है़ इसे केंद्र को भेजने के बजाय राज्य सरकार खुद निर्णय लेने में सक्षम थी़ श्री प्रकाश ने कहा कि मुख्यमंत्री का पत्र मिला है. पार्टी से दो प्रतिनिधियों को भेजने का आग्रह किया है. इस पर पार्टी के अंदर गहन विचार-विमर्श के बाद निर्णय लिया जायेगा.