एचएफसी पर विकसित देशों का प्रयास विफल
एजेंसियां, पेरिसपर्यावरण के लिए नुकसानदायी हाइड्रो्रदैलोरोकार्बन (एचएफसी) को धीरे-धीरे कम करने के बारे में भारत के ‘सकारात्मक रुख’ के बावजूद इस मुद्दे पर विचार-विमर्श के लिए संपर्क समूह स्थापित करने के विकसित देशों के प्रयास सिरे नहीं चढ़ सके. यहां संयुक्त राष्ट्र के एक सम्मेलन में तेल उत्पादक अरब देशों तथा पाकिस्तान ने अमेरिका की […]
एजेंसियां, पेरिसपर्यावरण के लिए नुकसानदायी हाइड्रो्रदैलोरोकार्बन (एचएफसी) को धीरे-धीरे कम करने के बारे में भारत के ‘सकारात्मक रुख’ के बावजूद इस मुद्दे पर विचार-विमर्श के लिए संपर्क समूह स्थापित करने के विकसित देशों के प्रयास सिरे नहीं चढ़ सके. यहां संयुक्त राष्ट्र के एक सम्मेलन में तेल उत्पादक अरब देशों तथा पाकिस्तान ने अमेरिका की अगुवाई वाले देशों के इन प्रयासों का कड़ा विरोध किया. पिछले साल तक भारत एफएफसी को कम करने के प्रयासों के खिलाफ विकासशील देशों की अगुवाई कर रहा था. उसका तर्क था कि मांट्रियल संधि से इस मुद्दे पर विचार का अधिकार नहीं मिलता है.हालांकि, इस बार भारत ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तथा अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा द्वारा हस्ताक्षरित संयुक्त बयान के अनुसार, इस मुद्दे पर ‘सकारात्मक रुख’ अपनाया. वियना सम्मेलन के पक्षों की 10वीं तथा मांट्रियल संधि के सदस्यों की 26वीं बैठक यहां चल रही है. जानकार सूत्रों ने बताया कि यहां मांट्रियल संधि पर संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन में इस मुद्दे पर भारत के ‘सकारात्मक रुख’ के बावजूद अमेरिका व उसके भागीदार विफल रहे हैं. सूत्रों ने कहा कि अनौपचारिक बैठक में खाड़ी देशों तथा पाकिस्तान ने संपर्क समूह स्थापित करने के विकसित देशों के कदम का कड़ा विरोध किया. पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावडेकर ने संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि मांट्रियल संधि ‘सफल संधि’ थी. उन्होंने कहा कि इस संधि की सफलता के लिए सहमति ‘बहुत महत्वूपूर्ण’ है.