रांची: उत्तराखंड में आयी प्राकृतिक आपदा में 10 दिनों से फंसे कल्याण विभाग के उपनिदेशक ददन चौबे अपने तीन अन्य भाइयों व परिवार के साथ सकुशल रांची लौट आये हैं. श्री चौबे के अनुसार वे लोग 16 जून को केदारनाथ से निकले और बद्रीनाथ में फंस गये थे. उनके साथ उनके भाई ललन चौबे, मदन चौबे व उनकी पत्नी, मोहन चौबे व उनकी पत्नी व बच्चे थे.
बकौल श्री चौबे कहते हैं कि इस प्राकृतिक आपदा का दृश्य बहुत ही हृदय विदारक था. चारों तरह से रास्ता बंद था. हम लोग भारत सेवाश्रम संघ के आश्रम में रह रहे थे. दो दिन तो आश्रम में खाना खिलाया गया. बाद में हमें स्वयं बनाना पड़ा. काफी महंगा सामान मिल रहा था.
कुछ दिन रहने के बाद एक बार स्थानीय बस वालों ने बाहर निकालने का रास्ता बताया. लेकिन इसके लिए एसपी से इजाजत लेनी पड़ी. तीन बस में लोग सवार थे. पहली बस व दूसरी बस आगे बढ़ी. तीसरी बस निकलने ही वाली थी कि पहाड़ से पत्थर के टुकड़े गिरने शुरू हो गये. स्थानीय लोगों ने शोर मचाया. ड्राइवर तेजी से बस को आगे निकाल ही रहा था कि बड़े-बड़े बोल्डर बस के आगे गिरने शुरू हो गये. किसी तरह वे लोग बच सकें. साथ में गयी औरतें व बच्चों की तबियत काफी खराब हो रही थी.
हम लोगों को तो समझ में नहीं आ रहा था कि क्या करें. पैसे खत्म हो रहे थे. खैर झारखंड सरकार की पहल पर वे लोग किसी तरह बाहर आये और सकुशल रांची पहुंच पाये. इधर शिक्षक नेता बबन चौबे ने उनके भाइयों व उनके परिवार को ढूंढ़ निकालने व सकुशल रांची पहुंचाने के लिए मुख्य सचिव, गृह सचिव, कार्मिक सचिव, नागर विमानन सचिव सजल चक्रवर्ती, दक्षिणी छोटानागपुर प्रमंडल की आयुक्त को धन्यवाद दिया है. डॉ चौबे ने उत्तराखंड के आइएएस दीपक रावत को भी धन्यवाद दिया है, जिन्होंने काफी मदद की.