हम पास-पास हैं, साथ-साथ भी रहें
मोदी ने कहा, ‘हम (दक्षिण एशियाई देश) सभी पास-पास जरूर हैं, लेकिन साथ-साथ नहीं हैं, जबकि हमें समझना चाहिए कि साथ आ जाने से हम सबकी ताकत कई गुना बढ़ जायेगी. एक-एक कर आठ को जोड़ेंगे, तो आठ होगा, लेकिन एक के पास एक-एक कर खड़े हो जायें, तो यह लाख और करोड़ हो जायेगा.’ […]
मोदी ने कहा, ‘हम (दक्षिण एशियाई देश) सभी पास-पास जरूर हैं, लेकिन साथ-साथ नहीं हैं, जबकि हमें समझना चाहिए कि साथ आ जाने से हम सबकी ताकत कई गुना बढ़ जायेगी. एक-एक कर आठ को जोड़ेंगे, तो आठ होगा, लेकिन एक के पास एक-एक कर खड़े हो जायें, तो यह लाख और करोड़ हो जायेगा.’ उन्होंने कहा, ‘मैं जिस भारत के भविष्य का सपना देखता हूं, उसकी इच्छा समूचे क्षेत्र के लिए करता हूं.’ प्रधानमंत्री ने मई में अपने शपथ ग्रहण समारोह में दक्षेस नेताओं की शिरकत की तारीफ करते हुए कहा, ‘मैंने पूरी दुनिया की शुभकामनाओं के साथ पद संभाला. लेकिन, जिसने मुझे प्रभावित किया, प्रिय साथियों, वह आपकी निजी उपस्थिति थी.’संपर्क बढ़ाने पर जोरमोदी ने कहा कि दक्षिण एशिया लोकतंत्र का फलता-फूलता क्षेत्र है, समृद्ध विरासत है, युवाओं की बेमिसाल क्षमता है और बदलाव तथा प्रगति की जबरदस्त आकांक्षा है. कहा, ‘बैंकॉक या सिंगापुर के मुकाबले हमारे क्षेत्र में यात्रा करना अब भी कठिन है. बात करना अधिक खर्चीला है.’