रांची : गुजरात के पलसाना से सिकिदरी, सिल्ली और अनगड़ा क्षेत्र की 19 नाबालिग और एक बालिग लड़की को रेस्क्यू कर पुलिस रांची ले आयी. लड़कियों को मंजू नामक महिला ने बहला-फुसलाकर भेजा था. उसे भी गिरफ्तार कर रांची लाने के बाद शनिवार को जेल भेज दिया गया. लड़कियों से पलसाना में झींगा मछली पैकिंग कराने का काम कराया जा रहा था. सभी को रांची पुलिस ने मंडोला फूड एलएलपी कंपनी, मखींगा, पलसाना से रेसक्यू किया गया है.
देर रात रांची आने के कारण इन लड़कियों को बीजूपाड़ा स्थित किशोरी निकेतन में रखा गया था. लड़कियों को रेस्क्यू कराने में पुलिस को बेटी बचाओ आंदोलन के ब्रजेश मिश्रा की भी मदद मिली. हालांकि, नाबालिग लड़कियों को रांची लाये जाने को लेकर सीडब्ल्यूसी रांची से सूरत सीडब्ल्यूसी की ओर से कोई को-ऑर्डिनेशन नहीं किया गया.
इस संबंध में सीडब्ल्यूसी की चेयरपर्सन रूपा कुमारी व सदस्य तनुश्री सरकार ने बताया कि को-ऑर्डिनेशन नहीं होने के कारण यह पता नहीं चल पाया कि जो नाबालिग लौटी हैं, उनकी कोरोना जांच हुई है या नहीं. ऐसे में सभी नाबालिगों की कोरोना जांच कराने के बाद बयान लिया जायेगा. इसके बाद इन्हें अन्य शेल्टर होम के बच्चों के साथ रखा जायेगा. पुलिस का कहना है कि मंजू पर लड़कियों को बहला-फुसलाकर ले जाने का आरोप है. पुलिस टीम का नेतृत्व अनगड़ा थाना प्रभारी अनिल कुमार तिवारी कर रहे थे.
कैलाश सत्यार्थी ने किया ट्वीट : नोबेल पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी ने ट्वीट किया. उन्होंने कहा कि झारखंड व गुजरात पुलिस ने समय पर कार्रवाई कर 20 लड़कियों को ट्रैफिककर के चुंगल से बचाया. ट्रैफिकिंग के शिकार बच्चियों को बचाने में बेटी बचाओ आंदोलन लगातार झारखंड सहित देश में काम कर रही है. मुझे विश्वास है कि इस कार्य में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन जी आपका सहयोग मिलता रहेगा.
Post by : Pritish Sahay