मनोज सिंह, रांची.
कोल इंडिया लिमिटेड ने वित्तीय वर्ष 2027-28 तक 3000 मेगावाट सौर परियोजना क्षमता की प्राप्ति का लक्ष्य रखा है. अब तक कंपनी की 14 सौर परियोजनाओं पर काम शुरू हो चुका है. कोल इंडिया सहित अनुषांगिक कंपनियों द्वारा यह परियोजना विकसित की जा रही है. इसके लिए कोल इंडिया ने एक अनुषंगी कंपनी भी बनाया है. कोयला मंत्रालय की रिपोर्ट के अनुसार, अब तक 14 परियोजनाओं पर 1209.8 करोड़ रुपये खर्च किये गये हैं. इन 14 सौर परियोजनाओं से 661 मेगावाट बिजली मिलेगी. झारखंड में भी सीसीएल में दो सोलर प्रोजेक्ट पर काम हो रहा है. इसमें 135 करोड़ रुपये की लागत से 20 मेगावाट का सोलर प्रोजेक्ट पिपरवार में लगाया जा रहा है. इसके अतिरिक्त सीसीएल गिरिडीह में भी एक सोलर प्रोजेक्ट पर काम कर रहा है. यह प्रोजेक्ट चार करोड़ रुपये का है. इससे करीब चार मेगावाट बिजली का उत्पादन होने का अनुमान है.भोजुडीह और दुग्धा में भी लगेगा सोलर प्लांट
धनबाद के बीसीसीएल एरिया के भोजुडीह और दुग्धा में भी सोलर प्लांट लगाया जायेगा. भोजुडीह वाशरी में 25 मेगावाट का सोलर प्लांट लगाया जायेगा. इस पर 68 करोड़ रुपये खर्च किये जायेंगे. दुग्धा वाशरी में 20 मेगावाट का सोलर प्लांट लगेगा. इस पर 113 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है.
कहां-कहां सोलर पावर पर काम कर रहा कोल इंडिया
सीसीएल
पिपरवार : क्षमता 20 MW, लागत 135.00 करोड़गिरिडीह : क्षमता 04 MW, लागत 24.00 करोड़
बीसीसीएल
भोजूडीह वॉशरी : क्षमता 25 MW, लागत 68.00 करोड़दुग्धा वॉशरी : क्षमता 20 MW, लागत 113.00 करोड़इसीएल
कुनुस्तोरिया और सतग्राम क्षेत्र : क्षमता 35 MW, लागत 105.91 करोड़एमसीएल
आनंद विहार, बुर्ला : क्षमता 2.00 MW, लागत 13.34 करोड़एनसीएल
निगाही : क्षमता 50 MW, लागत 211.00 करोड़पटनागढ़, जिला वलांगीर : क्षमता 50 MW, लागत 261.419 करोड़
एसइसीएल
भटगांव क्षेत्र : क्षमता 20 MW, लागत 71.00 करोड़गोरखनाथपुर, विश्रामपुर क्षेत्र : क्षमता 8 MW, लागत 28.00 करोड़शिवनंदनपुर, विश्रामपुर क्षेत्र : क्षमता 12 MW, लागत 36.00 करोड़
डब्ल्यूसीएल
जमुनिया, पेंच क्षेत्र : क्षमता 15 MW, लागत 35.70 करोड़कोल इंडिया
खवडा, गुजरात : क्षमता 300 MW, लागत 21.74 करोड़पाटन, गुजरात : क्षमता 100 MW, लागत 84.98 करोड़
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