ेकोलकाता का लैडमार्क 30 फुट का स्टैचू गायब
तृणमूल सरकार ने ‘परोमा स्टैचू’ की जगह बड़ा ग्लोब लगाने की बनायी है योजनाकोलकाता. कोलकाता में सार्वजनिक कला के सबसे बड़े प्रतीक में से एक 30 फुट ऊंचा परोमा स्टैचू अचानक गायब हो गया. पिछले 27 सालों से इस्टर्न मेट्रोपोलिटन बाइपास पर स्थित परोमा स्टैचू नामक यह लैंडमार्कसोमवार रात गायब हुआ. अब वहां सिर्फ मलबे […]
तृणमूल सरकार ने ‘परोमा स्टैचू’ की जगह बड़ा ग्लोब लगाने की बनायी है योजनाकोलकाता. कोलकाता में सार्वजनिक कला के सबसे बड़े प्रतीक में से एक 30 फुट ऊंचा परोमा स्टैचू अचानक गायब हो गया. पिछले 27 सालों से इस्टर्न मेट्रोपोलिटन बाइपास पर स्थित परोमा स्टैचू नामक यह लैंडमार्कसोमवार रात गायब हुआ. अब वहां सिर्फ मलबे का एक ढेर बचा है. सूत्रों के मुताबिक तृणमूल कांग्रेस की सरकार ने इस स्टैचू को हटाने और उसकी जगह एक बड़ा ग्लोब बनाये जाने का आदेश दिया था. राज्य के शहरी विकास मंत्री फरिहाद हाकिम को लगता था कि यह बहुत पुराना है. परोमा स्टैचू के चारो तरफ से ट्रैफिक गुजरता था, इसलिए इसे परोमा आइलैंड कहा जाता था. इसे 1987 में कलाकार शानू लाहिड़ी ने बनाया था, जिनका पिछले साल निधन हो गया था.सीएमडीए का कुछ बताने से इनकारशानू की बेटी दमयंती लाहिड़ी ने कहा, यह अपमानजनक है. हम सोच भी नहीं सकते. हम पिछले साल 30 सालों से इसे वहां देख रहे हैं और अब यह अचानक गायब हो गया है. किसी को इसके बारे में कुछ पता नहीं है. उन्होंने कहा, मुझे इसे हटाये जाने के बारे में सूचित नहीं किया गया है. परिवार को भूल जाइये, क्या नागरिकों को भी इस बारे में जानने का अधिकार नहीं है. इस स्टैचू के संरक्षक कोलकाता मेट्रोपोलिटन डेवेलपमेंट अथॉरिटी ने बार-बार पूछे जाने पर भी इस मामले में कुछ भी बताने से इनकार कर दिया. उषा उत्थुप ने जताया अफसोसगायिका ऊषा उत्थुप ने कहा, कोलकातावासी जानना चाहते हैं कि शानूदी स्टैचू कहां गया? आप मुझे बताइये, मैं बहुत दुखी हूं. इसमें मेरा कोई पॉलिटिकल एजेंडा नहीं है, लेकिन यह मैं इसलिए जानना चाहती हूं क्योंकि मैं एक नागरिक हूं. उत्थुप ने कहा, शानूदी एक महान आर्टिस्ट थीं और आप उनके स्टैचू को इस तरह नहीं हटा सकते.