पांच दिसंबर को सीबीआइ देगी जवाब (जमशेदपुर जायेगा)
यूनियन लीडर वीजी गोपाल हत्याकांड मामले में सुनवाई जारीमामले की अगली सुनवाई पांच दिसंबर को होगीवर्ष 1993 में हुई थी वीजी गोपाल व उनके बॉडीगार्ड मदन प्रसाद की गोली मार कर हत्यारांची. झारखंड हाइकोर्ट में गुरुवार को जमशेदपुर के बहुचर्चित यूनियन लीडर वीजी गोपाल हत्याकांड में सजायाफ्ता की ओर से दायर क्रिमिनल अपील याचिकाओं पर […]
यूनियन लीडर वीजी गोपाल हत्याकांड मामले में सुनवाई जारीमामले की अगली सुनवाई पांच दिसंबर को होगीवर्ष 1993 में हुई थी वीजी गोपाल व उनके बॉडीगार्ड मदन प्रसाद की गोली मार कर हत्यारांची. झारखंड हाइकोर्ट में गुरुवार को जमशेदपुर के बहुचर्चित यूनियन लीडर वीजी गोपाल हत्याकांड में सजायाफ्ता की ओर से दायर क्रिमिनल अपील याचिकाओं पर सुनवाई हुई. चीफ जस्टिस वीरेंदर सिंह व जस्टिस आरआर प्रसाद की खंडपीठ में मामले की सुनवाई हुई. गवाहों के बयान पर बहस जारी रहा. प्रार्थी ललित चंद्र विश्वास की ओर से जिरह करते हुए खंडपीठ को बताया गया कि उन्हें बेवजह फंसाया गया था. सुनवाई के दौरान प्रार्थी द्वारा बॉस शब्द पर भी आपत्ति जतायी गयी. कहा गया कि झारखंड व बिहार में आम बोल चाल की भाषा में लोग अपने दोस्त यार को बॉस बोलते हैं, लेकिन जांच के दौरान इसका कुछ दूसरा ही अर्थ निकाला गया. बहस के दौरान सीबीआइ जांच की प्रक्रिया पर गंभीर सवाल उठाये गये. गुरुवार को सुनवाई अधूरी रही, मामले की अगली सुनवाई पांच दिसंबर को होगी. उस दिन सीबीआइ की ओर से भी पक्ष रखा जायेगा. उल्लेखनीय है कि 14 अक्तूबर 1993 को जमशेदपुर में टाटा वर्कर्स यूनियन के कार्यालय परिसर में गोली मार कर वीजी गोपाल की हत्या कर दी गयी थी. इस घटना में उनके बॉडीगार्ड मदन प्रसाद की भी मौत हो गयी थी. मामले के आरोपी योगेंद्र शर्मा उर्फ मुन्ना शर्मा, कुणाल जैना उर्फ कुना, ललित चंद्र विश्वास उर्फ राजीव को सीबीआइ की विशेष अदालत ने वर्ष 2006 में आजीवन कारावास की सजा सुनायी थी. निचली अदालत के फैसले को प्रार्थियों द्वारा हाइकोर्ट में चुनौती दी गयी है.