भुगतान व लघु ऋएा बैंकों की स्थापना की मिली मंजूरी
मुंबई. रिजर्व बैंक ने दो नये बैंकों को लाइसेंस देने के कुछ महीनों के अंतराल में देश में पहली बार भुगतान बैंकों और लघु ऋण बैंकों की स्थापना के लिए गुरुवार को अंतिम दिशा-निर्देश जारी कर दिये. इन दो नयी श्रेणियों में बैंकों की स्थापना का मकसद अब तक बैंकिंग सुविधाओं से वंचित तबके को […]
मुंबई. रिजर्व बैंक ने दो नये बैंकों को लाइसेंस देने के कुछ महीनों के अंतराल में देश में पहली बार भुगतान बैंकों और लघु ऋण बैंकों की स्थापना के लिए गुरुवार को अंतिम दिशा-निर्देश जारी कर दिये. इन दो नयी श्रेणियों में बैंकों की स्थापना का मकसद अब तक बैंकिंग सुविधाओं से वंचित तबके को इसके दायरे में लाना है. माना जा रहा है कि इससे वित्तीय समावेश को व्यापक बनाने की सरकार की पहल को पूरी करने में मदद मिलेगी. मोबाइल ऑपरेटर कंपनियां, सुपर मार्केट चेन और रीयल एस्टेट सहकारी समितियां भुगतान बैंक स्थापित कर सकेंगी, जबकि मौजूदा गैर-बैंकिंग वित्त कंपनियां (एनबीएफसी) और सूक्ष्म वित्त ऋणदाता सहित ऐसी ही अन्य कंपनियां लघु ऋण बैंक के लिए आवेदन कर सकेंगे. इन दोनों श्रेणियों के नयी तरह के बैंकों की स्थापना के लिए न्यूनतम चुकता पूंजी 100-100 करोड़ रुपये रखी गयी है, जबकि लघु वित्त बैंकों को यह सुविधा भी दी गयी है कि जरूरी शतेंर् पूरी करने पर वह सामान्य बैंकों में भी परिवर्तित हो सकते हैं. रिजर्व बैंक ने इस साल की शुरुआत में दो नये बैंकों के लिए लाइसेंस को मंजूरी दी थी. आइडीएफसी और बंधन को करीब एक दशक के अंतराल के बाद बैंक लाइसेंस की मंजूरी दी गयी.