स्वास्थ्य विभाग का हाल वरीय संवाददाता, रांचीस्वास्थ्य विभाग ने अपर निदेशक के एक चिकित्सक को क्षेत्रीय उप निदेशक (आरडीडी) बना दिया है. आरडीडी का पद अपर निदेशक से एक पद नीचे है. संबंधित चिकित्सक ने अपनी सहमति से व पैरवी का सहारा लेकर यह पद पाया है. वजह साफ है. नयी जगह पर समय से आने-जाने का झंझट नहीं है. वहीं यहां सुखी रहने के कई स्रोत हंै. विभाग में यह पोस्टिंग चर्चा का विषय है, जो आचार संहिता लगने से ठीक पहले की गयी थी. उधर खुद को 430 किमी दूर भेज दिये जाने के गम में एक डॉक्टर दंपति ने कोर्ट का सहारा लिया है. डॉ उपेंद्र कुमार सिन्हा व उनकी पत्नी डॉ उमा सिन्हा को आचार संहिता के दौरान पाकुड़ भेज दिया गया था. डॉ उपेंद्र अवर निदेशक स्तर के अधिकारी हैं. वहीं डॉ उमा सदर अस्पताल, रांची में मेडिकल ऑफिसर थीं. इन दोनों का कद बेहद छोटा कर उन्हें सिविल सर्जन, पाकुड़ के मातहत कर दिया गया है. इसी मुद्दे को डॉक्टर दंपति ने झारखंड हाइकोर्ट में चुनौती दी है. मामले की सुनवाई अभी होनी है. गौरतलब है कि इससे पहले निदेशक प्रमुख डॉ सुमंत मिश्रा को भी बगैर उनसे पूछे विभाग ने अस्वस्थ घोषित कर दिया था. उनकी जगह एमजीएम जमशेदपुर के डॉ आरएन चौधरी को निदेशक प्रमुख बना दिया गया था. सरकार के इस आदेश के खिलाफ डॉ मिश्रा ने भी कोर्ट की शरण ली थी. पर कोर्ट में सुनवाई से पूर्व ही विभाग ने अपना आदेश बदल कर डॉ मिश्रा को फिर से निदेशक प्रमुख बना दिया था.
एक पोस्ट नीचे पदस्थापित हो कर भी खुश
स्वास्थ्य विभाग का हाल वरीय संवाददाता, रांचीस्वास्थ्य विभाग ने अपर निदेशक के एक चिकित्सक को क्षेत्रीय उप निदेशक (आरडीडी) बना दिया है. आरडीडी का पद अपर निदेशक से एक पद नीचे है. संबंधित चिकित्सक ने अपनी सहमति से व पैरवी का सहारा लेकर यह पद पाया है. वजह साफ है. नयी जगह पर समय से […]
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