पेरू सम्मेलन : 190 से अधिक देश एक मंच पर
जलवायु संरक्षण के लिए 190 से अधिक देश एक मंच परएजेंसियां, लीमा (पेरू)बढ़ते उत्सर्जन और वर्ष 2014 के इतिहास में सबसे गर्म साल होने के खतरे के बीच भारत और 190 देशों के प्रतिनिधियों ने वैश्विक कार्बन उत्सर्जन में कटौती के लिए अगले साल की सीमा से पहले नये महत्वाकांक्षी एवं बाध्यकारी समझौते पर संयुक्त […]
जलवायु संरक्षण के लिए 190 से अधिक देश एक मंच परएजेंसियां, लीमा (पेरू)बढ़ते उत्सर्जन और वर्ष 2014 के इतिहास में सबसे गर्म साल होने के खतरे के बीच भारत और 190 देशों के प्रतिनिधियों ने वैश्विक कार्बन उत्सर्जन में कटौती के लिए अगले साल की सीमा से पहले नये महत्वाकांक्षी एवं बाध्यकारी समझौते पर संयुक्त राष्ट्र जलवायु सम्मेलन में चर्चा शुरू की है. इस 12 दिवसीय सम्मेलन में समझौते के उस मसविदा पर सहमति कायम करनी है, जो दिसंबर, 2015 में पेरिस में होने वाले एक ऐतिहासिक करार की आधारशिला बनेगी. इस करार के 2010 तक अस्तित्व में आने की संभावना है. उदघाटन समारोह में संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन कन्वेंशन की सचिव क्रिश्टियाना फिगरेस ने वार्ताकारों से पेरू सम्मेलन में इतिहास रचने का आह्वान किया. कहा कि हमें नये सार्वभौमिक जलवायु समझौते का मसौदा वार्ता की मेज पर रखने की जरूरत है. 2014 के इतिहास में सबसे गर्म वर्ष होने का खतरा है और उत्सर्जन बढ़ता ही जा रहा है. हमें तत्काल कदम उठाने की जरूरत है.’ संयुक्त राष्ट्र के सदस्य देशों ने धरती के तापमान को औद्योगिक क्रांति से पहले के स्तर से बस दो डिग्री ऊंचा तक सीमित करने का संकल्प लिया है.