रिम्स में लगातार बढ़ रही है मरीजों की संख्या, कम पड़ रहे 2100 बेड

रिम्स में बुखार से लेकर ब्रेन की जटिल सर्जरी तक के मरीज राज्य भर से आ रहे हैं. अगर सामान्य बीमारी का का इलाज जिला अस्पतालों में होता, तो रिम्स पर लोड कम रहता. वहीं, रिम्स में डॉक्टर, नर्स और पारा मेडिकल स्टाफ समेत कुल 3500 मैनपावर की भी कमी है.

By Prabhat Khabar News Desk | April 12, 2024 12:07 AM

रांची. रिम्स में मरीजों की संख्या दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है. यहां बुखार का इलाज कराने से लेकर मेजर सर्जरी तक के लिए मरीज विभिन्न जिलों से आते हैं. यही वजह है कि यहां 2100 बेड भी मरीजों के लिए कम पड़ जा रहे हैं. अगर सामान्य बीमारी का इलाज जिला अस्पतालों में होने लगता, तो रिम्स पर मरीजों का लोड कम रहता. रिम्स में मरीजों के इलाज की चुनौती इसलिए भी है, क्योंकि यहां वर्तमान में 3500 मैनपावर की कमी है. इनमें डॉक्टर, नर्स और पारा मेडिकल स्टाफ शामिल हैं.

इधर, रिम्स प्रबंधन का कहना है कि 2100 बेड में से 190 आइसीयू बेड हैं. लेकिन, यह मरीजों की क्षमता के हिसाब से कम है. ऐसे में मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ता है. बेड के अभाव में कई मरीजों को फर्श पर इलाज कराना पड़ता है. अगर मैनपावर बढ़ाया जाये, तो एमबीबीएस व पीजी सीट के साथ-साथ बेड की संख्या भी बढ़ायी जा सकती है.

तीन बिल्डिंग के निर्माण का प्रस्ताव, बढ़ेंगे 1530 बेड

रिम्स प्रबंधन को उम्मीद है कि तीन सुपर स्पेशियालिटी बिल्डिंग के निर्माण होने पर 1530 बेड़ बढ़ेंगे. इसमें मदर चाइल्ड केयर का बेड भी शामिल है. हालांकि, अभी भवन का निर्माण कार्य शुरू नहीं हुआ है. इसलिए फिलहाल बेड बढ़ाने में अभी दो से तीन साल का समय लगेगा.

316 सीनियर डॉक्टर की जरूरत, लेकिन कार्यरत हैं सिर्फ 163

रिम्स में 316 सीनियर डॉक्टर की आवश्यकता है. लेकिन, वर्तमान में सिर्फ 163 ही कार्यरत हैं. वहीं, सीनियर रेजीडेंट की संख्या भी जरूरत के हिसाब से कम है. कई विभाग में तो एक या दो सीनियर रेजीडेंट हैं, जिससे मरीजों के इलाज में परेशानी होती है.

क्या कहना है प्रबंधन का

रिम्स पर सामान्य मरीजों का सबसे ज्यादा लोड है. यहां बुखार से लेकर ब्रेन की जटिल सर्जरी के मरीजों का इलाज करना है. जिन सामान्य मरीजों का इलाज सदर अस्पताल में ही होना चाहिए था, वह भी रिम्स आ जाते हैं. डॉक्टर और मैनपावर बढ़ाये बिना बेड की संख्या नहीं बढ़ायी जा सकती है. एक दो महीना में स्थिति में सुधार की उम्मीद है.

डॉ राजकुमार, निदेशक, रिम्सB

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