छोटानागपुर आनेवाले पहले मिशनरी थे फादर ऑगस्ट
रांची: रोमन कैथोलिक (आरसी) चर्च के रांची महाधर्मप्रांत (आर्चडायसिस) में रांची व लोहरदगा जिले शामिल हैं़ छोटानागपुर आनेवाले पहले आरसी मिशनरी बेल्जियन जेसुइट फादर ऑगस्ट स्टॉकमैन थे, जो मिदनापुर से बैलगाड़ी द्वारा 25 नवंबर 1868 को चाईबासा पहुंचे थ़े. यहां आरसी चर्च का प्रथम (मुंडा) बपतिस्मा 28 नवंबर 1873 को हुआ़ वर्ष 1877 में सेना […]
रांची: रोमन कैथोलिक (आरसी) चर्च के रांची महाधर्मप्रांत (आर्चडायसिस) में रांची व लोहरदगा जिले शामिल हैं़ छोटानागपुर आनेवाले पहले आरसी मिशनरी बेल्जियन जेसुइट फादर ऑगस्ट स्टॉकमैन थे, जो मिदनापुर से बैलगाड़ी द्वारा 25 नवंबर 1868 को चाईबासा पहुंचे थ़े.
यहां आरसी चर्च का प्रथम (मुंडा) बपतिस्मा 28 नवंबर 1873 को हुआ़ वर्ष 1877 में सेना के मसीही पुरोहित के रूप में कई बेल्जियन जेसुइट मिशनरी डोरंडा आय़े छोटानागपुर में रोमन कैथोलिक मसीही विश्वास को मजबूत उपस्थिति दिलाने वाले फादर कांस्टेंट लीवंस का रांची में आगमन 18 मार्च 1885 को हुआ.
मिशनरियों की मदद के लिए आयरलैंड की लॉरेटो सिस्टर्स ने पुरुलिया रोड में एक कॉन्वेंट खोला़ 1897 में संत अन्ना धर्मसमाज की शुरुआत हुई़ 1903 में उसरुलाइन सिस्टर्स ने लोरेटो सिस्टर्स का स्थान लिया़ अब तक छोटानागपुर में मिशनरी कार्य काफी बढ़ चुके था, इसलिए पोप ने 25 मई 1927 को एक अध्यादेश जारी कर इसे कोलकाता आर्चडायसिस से अलग किया. बिशप लुई वॉन हॉक पहले बिशप बऩे
कई डायसिस को दिया जन्म
14 जून 1951 में इस डायसिस से संबलपुर व 13 दिसंबर 1951 को रायगढ़- अंबिकापुर डायसिस अलग किया गया. तीन सितंबर 1952 में रांची डायसिस को आर्चडायसिस का दर्जा मिला़ दो जुलाई 1962 में इससे अलग कर जमशेदपुर डायसिस बनाया गया़ इसके बाद 1968 में पटना व भागलपुर डायसिस बनाये गय़े 1971 में डालटेनगंज डायसिस बनाया गया, जिसमें हजारीबाग व पलामू जिले भी शामिल थ़े एक जुलाई 1993 में गुमला व सिमडेगा डायसिस भी बनाये गय़े 12 मई 1995 को खूंटी को अलग डायसिस बनाया गया़.
कार्डिनल तेलेस्फोर पी टोप्पो इस महाधर्मप्रांत के आर्चबिशप हैं. इस आर्चडायसिस में पांच कॉलेज, पांच कमर्शियल कॉलेज, एक टेक्निकल स्कूल, 37 उच्च विद्यालय, 47 मध्य विद्यालय, 73 प्राथमिक स्कूल, चार मांटेसरी स्कूल व 23 इंगलिश मीडियम स्कूल चलाये जा रहे हैं. इसके अतिरिक्त 14 कल्याणार्थ संस्थाएं, पांच अस्पताल, 20 डिस्पेंसरी और बजुर्ग, बीमार व नि:शक्तों के लिए चार संस्थान भी चलाये जा रहे हैं. इस आर्चडायसिस का प्रमुख चर्च पुरुलिया रोड स्थित संत मरिया महागिरजाघर है, जिसका उदघाटन तीन अक्तूबर 1909 को ढाका के आर्चबिशप हर्थ ने किया था़.