जीएसटी नयी दिल्ली. वित्त मंत्रालय ने नयी वस्तु एवं सेवाकर (जीएसटी) व्यवस्था लागू होने पर राज्य सरकारों को राजस्व में होनेवाले तीन साल के नुकसान के लिए मुआवजा देने का प्रस्ताव किया है, जबकि राज्य सरकारों की पांच साल तक मुआवजा की मांग है. मंत्रालय में अतिरिक्त राजस्व सचिव रश्मि वर्मा ने राजधानी में एक कार्यक्रम में कहा, ‘हमने मोटे तौर पर जीएसटी संशोधन विधेयक के मसौदे को अंतिम रूप दे दिया है और इसे विधाई विभाग के पास जांच के लिए भेजा है. मंत्रालय ने प्रस्तावित अप्रत्यक्ष कर प्रणाली की ओर रख करने से होनेवाले नुकसान की भरपाई हेतु तीन साल तक मुआवजा देने की पेशकश की है.’ वहीं, राज्यों की मांग है कि जीएसटी व्यवस्था के तहत केंद्र उन्हें पांच साल तक मुआवजा उपलब्ध कराये. उल्लेखनीय है कि नयी कर व्यवस्था के संबंध में कुछ महत्वपूर्ण मुद्दों को लेकर राज्यों के बीच सहमति नहीं बन पाने की वजह से जीएसटी लागू करने के लिए तय कई समय सीमाएं बीत चुकी हैं. केंद्र में नयी सरकार इसे एक अप्रैल, 2016 से लागू करना चाहती है. वर्मा ने कहा कि वित्त मंत्री अरुण जेटली पेट्रोलियम उत्पादों, प्रवेश कर व मुआवजा कोषों को शामिल करने से जुड़े मुद्दों पर सहमति बनाने के लिए 11 दिसंबर को राज्य के वित्त मंत्रियों से मुलाकात करेंगे. वित्त मंत्री अरुण जेटली जीएसटी विधेयक को संसद के चालू सत्र में पेश करने की इच्छा जता चुके हैं.
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राज्यों के लिए तीन साल के मुआवजे का प्रस्ताव
जीएसटी नयी दिल्ली. वित्त मंत्रालय ने नयी वस्तु एवं सेवाकर (जीएसटी) व्यवस्था लागू होने पर राज्य सरकारों को राजस्व में होनेवाले तीन साल के नुकसान के लिए मुआवजा देने का प्रस्ताव किया है, जबकि राज्य सरकारों की पांच साल तक मुआवजा की मांग है. मंत्रालय में अतिरिक्त राजस्व सचिव रश्मि वर्मा ने राजधानी में एक […]
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