‘दोहा फिल्मोत्सव’ में आदिवासी लड़की के वृत्तचित्र का प्रदर्शन

ठाणे. भारत में बाल मजदूरों की जिंदगी पर आधारित एक वृत्तचित्र का दोहा के ‘युवा फिल्मोत्सव’ में प्रदर्शन किया गया, जिसका निर्देशन ठाणे की एक आदिवासी लड़की ने किया है. यह वृत्तचित्र पहले ही दुनिया भर में तारीफ बटोर चुका है.’फायर इन अवर हार्ट्स’ नाम के जयश्री जानू खरपदे के 27 मिनट के वृत्तचित्र का […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 5, 2014 3:01 PM

ठाणे. भारत में बाल मजदूरों की जिंदगी पर आधारित एक वृत्तचित्र का दोहा के ‘युवा फिल्मोत्सव’ में प्रदर्शन किया गया, जिसका निर्देशन ठाणे की एक आदिवासी लड़की ने किया है. यह वृत्तचित्र पहले ही दुनिया भर में तारीफ बटोर चुका है.’फायर इन अवर हार्ट्स’ नाम के जयश्री जानू खरपदे के 27 मिनट के वृत्तचित्र का शुक्रवार को दोहा फिल्म संस्थान द्वारा आयोजित ‘अजयाल युवा फिल्मोत्सव’ में प्रदर्शन किया गया.आयोजकों के अनुसार, यह महोत्सव दोहा फिल्म इंस्टीट्यूट के समुदाय आधारित कार्यक्रमों के इतिहास पर आधारित है. अरबी में ‘अजयाल’ का मतलब पीढि़यों से है, जहां हर उम्र के लोग समारोह के माध्यम से एकसाथ मिलकर सिनेमा पर चर्चा करते हैं और जहां युवा लोग अपनी भावनाओं को जाहिर कर सकते हैंं. यह मंच उन्हें रचनात्मक बातचीत की प्रेरणा, सामूहिक माहौल प्रदान करता है. शनिवार को समाप्त हो रहे इस फिल्मोत्सव में जयश्री की फिल्म को ‘ब्रेव हार्ट्स’ नाम के विशेष खंड के तहत प्रदर्शित किया गया. वृत्तचित्र की कहानी 1970 के दशक से प्रारंभ होती है जब गुलामी ने भारत की जनजातियांे को प्रभावित किया। मानवाधिकार कार्यकर्ताओं के सक्रिय होने से उनका उद्धार तो हुआ, लेकिन जब तक उनके लिए स्कूलों का निर्माण नहीं हुआ तब तक शिक्षा उनके लिए विलासिता का साधन ही बनी रही. जयश्री एक प्रवासी आदिवासी ईंट भट्टा मजदूर की बेटी हैं जिनका वृत्तचित्र उनके संघर्ष की कहानी भी बयां करता है.

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