जलवायु वित्तपोषण पर संरा की रिपोर्ट को चुनौती

एजेंसियां, लीमा (पेरू)भारत ने शुक्रवार को जलवायु वित्तपोषण पर संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट को चुनौती दी है. इस रिपोर्ट में कहा गया है कि अनुकूलन व उत्सर्जन कटौती की परियोजनाआंे के लिए 2011-12 के दौरान 650 अरब डॉलर का वित्तपोषण मिला. यह रिपोर्ट गुरुवार को यहां संयुक्त राष्ट्र जलवायु सम्मेलन में यूएनएफसीसीसी की वित्त पर […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 5, 2014 4:01 PM

एजेंसियां, लीमा (पेरू)भारत ने शुक्रवार को जलवायु वित्तपोषण पर संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट को चुनौती दी है. इस रिपोर्ट में कहा गया है कि अनुकूलन व उत्सर्जन कटौती की परियोजनाआंे के लिए 2011-12 के दौरान 650 अरब डॉलर का वित्तपोषण मिला. यह रिपोर्ट गुरुवार को यहां संयुक्त राष्ट्र जलवायु सम्मेलन में यूएनएफसीसीसी की वित्त पर स्थायी समिति ने पेश की. रिपोर्ट मंे कहा गया है, ‘2011-12 में जलवायु संबंधी परियोजनाओं के लिए 650 अरब डॉलर का वित्तपोषण मिला.’ संरा जलवायु परिवर्तन रूपरेखा सम्मेलन (यूएनएफसीसीसी) की रिपोर्ट पर अपनी प्रतिक्रिया में भारत ने कहा कि ये आंकड़े 340 से 650 अरब डॉलर हैं. आंकड़ांे में काफी अंतर है. वित्त मंत्रालय में अतिरिक्त आर्थिक सलाहकार राजश्री रे ने कहा कि यह आंकडा 340 अरब से 650 अरब डॉलर के बीच है. इसमें सभी देशांे से सारा प्रवाह शामिल है. उन्हांेने कहा कि इस दायरे में विकसित देशांे के बीच की परियोजनाएं शामिल हैं, जिनसे विकासशील देशांे को फायदा नहीं होगा, जिन्हंे धन की काफी जरूरत है. रे ने कहा कि विकसित से विकासशील देशांे के बीच कोष का सालाना प्रवाह 40 अरब से 175 अरब डॉलर का है. यह गुमराह करने वाला आंकड़ा है, क्योंकि जलवायु वित्तपोषण पर कोई सहमति वाली परिभाषा नहीं है. इसे स्पष्ट करते हुए उन्होंेने कहा कि कई मामलों में जलवायु को साथ मंे लाभ मिलता है और पूरे निवेश को जलवायु वित्तपोषण गिना जाता है. ऐसे में विकास व सहायता परियोजनाओं को दो बार गिन लिया जाता है.

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