श्रमिक विरोधी नीतियों के खिलाफ आवाज
नयी दिल्ली. केंद्रीय मजदूर संघों ने नरेंद्र मोदी सरकार की ‘श्रमिक विरोधी’ नीतियों के खिलाफ शुक्रवार को आवाज उठायी, जिसमें श्रम कानूनों में संशोधन और सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों में विनिवेश शामिल है. मजदूर संघों ने आनेवाले दिनों में अपना विरोध और तेज करने की चेतावनी दी. आरएसएस संबद्ध भारतीय मजदूर संघ (बीएमएस) सहित सभी […]
नयी दिल्ली. केंद्रीय मजदूर संघों ने नरेंद्र मोदी सरकार की ‘श्रमिक विरोधी’ नीतियों के खिलाफ शुक्रवार को आवाज उठायी, जिसमें श्रम कानूनों में संशोधन और सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों में विनिवेश शामिल है. मजदूर संघों ने आनेवाले दिनों में अपना विरोध और तेज करने की चेतावनी दी. आरएसएस संबद्ध भारतीय मजदूर संघ (बीएमएस) सहित सभी केंद्रीय श्रमिक संघ राष्ट्र व्यापी आंदोलन के लिए साथ आये, जिसमें राजधानी दिल्ली स्थित जंतर-मंतर पर एक व्यापक विरोध-प्रदर्शन और विभिन्न राज्यों और जिला मुख्यालयों पर धरने शामिल हैं. मजदूर संघों ने सरकार के विभिन्न निर्णयों की आलोचना की और कहा कि इसका श्रमिकों एवं कर्मचारियों के अधिकारों सहित उनके काम करने की स्थितियों पर ‘गंभीर नकारात्मक प्रभाव’ होगा.