बज रहे थे देशभक्ति के गीत
राजधानी के चौक चौराहों पर देशभक्ति के गीत जब घायल हुआ हिमालय, खतरे में पड़ी आजादी….., ऐ मेरे वतन के लोगों जरा आंखों में भर लो पानी…आदि बज रहा था. ऐसा लग रहा था कि राजधानी में स्वतंत्रता दिवस एवं गणतंत्र दिवस मनाया जा रहा है. बंद रही राजधानी की दुकानेंचेंबर की अपील पर राजधानी […]
राजधानी के चौक चौराहों पर देशभक्ति के गीत जब घायल हुआ हिमालय, खतरे में पड़ी आजादी….., ऐ मेरे वतन के लोगों जरा आंखों में भर लो पानी…आदि बज रहा था. ऐसा लग रहा था कि राजधानी में स्वतंत्रता दिवस एवं गणतंत्र दिवस मनाया जा रहा है. बंद रही राजधानी की दुकानेंचेंबर की अपील पर राजधानी की अधिकांश दुकानें बंद रही. बूटी मोड चौराहे की सभी दुकानें बंद थी. दुकान बंद कर लोग संकल्प के शव यात्रा में शामिल हुए. जो दवा दुकानें खुली थी, उसके शटर शव यात्रा के आने पर गिराये जा रहे थे. स्वेच्छा से लोग दुकान बंद कर रहे थे.