विधायी कार्यों का भारी-भरकम एजेंडा
एजेंसियां, नयी दिल्लीसाध्वी निरंजन ज्योति मामले पर जारी गतिरोध के बीच सरकार ने इस सप्ताह संसद में विधायी कार्यों का भारी-भरकम एजेंडा रखा है. इसमें कोल ब्लॉक आवंटन से जुड़े अध्यादेश के स्थान पर विधेयक लाना शामिल है. सरकार ने अक्तूबर में कोयला खान (विशेष प्रावधान) अध्यादेश 2014 पेश किया था, ताकि रद्द खदानों की […]
एजेंसियां, नयी दिल्लीसाध्वी निरंजन ज्योति मामले पर जारी गतिरोध के बीच सरकार ने इस सप्ताह संसद में विधायी कार्यों का भारी-भरकम एजेंडा रखा है. इसमें कोल ब्लॉक आवंटन से जुड़े अध्यादेश के स्थान पर विधेयक लाना शामिल है. सरकार ने अक्तूबर में कोयला खान (विशेष प्रावधान) अध्यादेश 2014 पेश किया था, ताकि रद्द खदानों की नीलामी को सुगम बनाया जा सके.बीएमएस, एआइटीयूसी, सीटू, एचएमएस और आइएनटीयूसी ने संयुक्त रूप से से सरकार के उस प्रस्ताव का विरोध किया है, जिसमें कोयला खनन और खुले बाजार में ब्रिकी के लिए निजी कंपनियों को अनुमति देने का प्रस्ताव है.एजेंडे में शामिल बिलत्रकपड़ा उपक्रम (राष्ट्रीयकरण) कानून (संशोधन एवं विधिमान्यकरण) आध्यादेश 2014 के स्थान पर विधेयक लाना है, जो राष्ट्रीय कपड़ा निगम को किराया नियंत्रण कानूनों से बचायेगात्रएंटी हाइजैंकिंग बिल और अनुदान की अनुपूरक मांग और संबंधित विनियोग विधेयकत्रभुगतान एवं निपटारा प्रणाली (संशोधन) विधेयक 2014त्रविनियोग कानून (निरसन) विधेयक 2014राज्यसभा में पेश होनेवाले बिलत्रकपड़ा उपक्रम (राष्ट्रीयकरण) कानून (संशोधन एवं विधिमान्यकरण) विधेयक 2014त्रसंविधान के अनुसूचित जाति आदेश (संशोधन) विधेयक 2014त्रकेंद्रीय विश्वविद्यालय विधेयक 2014त्रयोजना एवं वास्तुकला विधेयक 2014इन बिलों पर नहीं हो सकी चर्चात्रकृषक संकटत्रडब्ल्यूटीओ वार्ता पर सरकार के बयानत्रशमशाबाद एयरपोर्ट का नामकरण04 बिल पास हुए लोकसभा में शीत सत्र के दूसरे सप्ताह में 01 बिल पर चर्चा अधूरी रह गयी09 बिल पारित हुए लोकसभा में दो सप्ताह में06 विधेयकों को राज्यसभा की मंजूरी मिली