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पाकिस्तान मुर्दाबाद के नारे लगे

शहीद संकल्प शुक्ला की अंतिम यात्रा में उमड़े राजधानीवासी रांची : लेफ्टिनेंट कर्नल शहीद संकल्प कुमार शुक्ला को राजधानी वासियों ने नम आंखों से अंतिम विदाई दी. शवयात्रा में राजधानी के हजारों लोग शामिल हुए. घरों से निकल कर लोग श्रद्धांजलि देने के लिए सड़कों पर उतर आये. सड़कों पर खड़े लोगों की आंखें भर […]

शहीद संकल्प शुक्ला की अंतिम यात्रा में उमड़े राजधानीवासी
रांची : लेफ्टिनेंट कर्नल शहीद संकल्प कुमार शुक्ला को राजधानी वासियों ने नम आंखों से अंतिम विदाई दी. शवयात्रा में राजधानी के हजारों लोग शामिल हुए. घरों से निकल कर लोग श्रद्धांजलि देने के लिए सड़कों पर उतर आये. सड़कों पर खड़े लोगों की आंखें भर आयी थीं. महिलाएं-बच्चे संकल्प के पार्थिव शरीर को हाथ जोड़ कर प्रणाम कर रहे थे.
बूटी मोड़ के कृष्णा नगर कॉलोनीसे शवयात्रा सुबह 9.55 बजे निकाली गयी. इससे पूर्व संकल्प के पार्थिव शरीर को वरदी पहनायी गयी. शव को तिरंगे में लपेटा गया. इसके बाद सेना के वाहन से शव को हरमू स्थित मुक्ति धाम के लिए ले जाया गया. रास्ते में भी लोगों ने शहीद को फूल चढ़ा कर श्रद्धांजलि दी. अंतिम यात्रा में पाकिस्तान मुर्दाबाद के नारे लगे.
सुबह के साढ़े आठ बजे से ही संकल्प के घर पर आर्मी के अधिकारियों, जवानों, रिश्तेदारों व स्थानीय लोगों की भीड़ एकत्र होने लगी थी. अंतिम दर्शन के लिए शव को घर में रखा गया था. महिलाएं, संबंधी, परिचित एवं आसपास के लोग कतारबद्ध हो कर शहीद को श्रद्धांजलि दे रहे थे. शव के पास संकल्प की मां, पत्नी बैठी थी. मां और पत्नी का रो-रो कर बुरा हाल था. पिता एसके शुक्ला को सेना के अधिकारी ढाढ़स देने में लगे थे.
बच्चियों को पहनायी गयी थी वरदी
शव यात्रा के निकलने से पहले संकल्प की दोनों बच्चियों को अंतिम दर्शन के लिए लाया गया. बच्चियों को आर्मी की वरदी पहनायी गयी थी. यह व्यवस्था संकल्प के दोस्तों के आग्रह पर सेना के अधिकारियों ने किया. सेना की जिप्सी पर दोनों बच्चियों को अधिकारियों की पत्नी संभाल रही थी.
हे भगवान ये आपने क्या किया : संकल्प की मां सुषमा शुक्ला बेटे के शव के सामने बैठी रो रही थी. लगातार रोये जाने से उनके गले से आवाज तक नहीं निकल रही थी. वह बेटे के चेहरे को देख-देख कर बोले जा रही थी : मेरा बेटा आंख खोल रहा है.. भगवान आपने यह क्या किया.. मेरा क्या होगा संकल्प.. मां को रोता देख लोग उन्हें समझाते थे, लेकिन मां पर कोई असर नहीं पड़ रहा था. वह रोते ही जा रही थी.
बेटी को नहीं था पिता के शहीद होने का एहसास
शहीद संकल्प कुमार शुक्ला की बड़ी बेटी सारा की उम्र अभी इतनी नहीं है कि वह यह समझा सके कि मौत क्या होती है. शायद यही वजह थी कि हरमू मुक्तिधाम में संकल्प के पार्थिव शरीर के अंतिम से पहले तक सारा को इस बात का एहसास नहीं हो पा रहा कि उसके पिता अब इस दुनिया में नहीं रहे. सारा की आंख में आंसू तक नहीं थे.
जैसे उसकी आंखों के आंसू सूख गये हो. शहीद की पत्नी प्रिया शुक्ला बार- बार बेटी को इस बात का एहसास दिला रही थी अब उसके पिता इस दुनिया में नहीं रहे, वह भगवान के पास चले गये. अंतिम संस्कार से पहले प्रिया ने बेटी को रोते हुए बताया कि पापा से अंतिम बार मिल लो. सारा ने शहीद पिता के पैर छूकर प्रमाण किया. इसके बाद प्रिया अपनी बेटी को गले से लगा कर रो पड़ी.
शहीद की एक झलक पाना चाहते थे लोग
रांची : लेफ्टिनेंट कर्नल संकल्प कुमार शुक्ला के पार्थिव शरीर का अंतिम दर्शन पाने और श्रद्धांजलि देने के लिए रविवार को राजधानीवासी उमड़ पड़े. लोग पार्थिव शरीर की एक झलक पाने को बेताब थे. चौक- चौराहों पर ट्रैफिक पुलिस के जवान, सेना के जवान, विभिन्न राजनीतिक दल के नेता और सामाजिक कार्यकर्ता और आम लोग हाथ में फूल-माला लेकर खड़े थे. घर से शव यात्रा को सदर डीएसपी सत्यवीर सिंह स्कॉट कर रहे थे.
शव यात्रा कृष्णा नगर स्थित घर से निकल कर करीब 10.30 बजे बरियातू थाना के पास पहुंची, जहां पुलिस के जवान पहले से खड़े थे. उन्होंने शहीद संकल्प को श्रद्धांजलि अर्पित कर अंतिम सलामी दी. रिम्स चौक पर ट्रैफिक के जवान और अन्य लोगों ने श्रद्धांजलि दी.
इसके बाद शव यात्रा करमटोली चौक पहुंची, जहां पर पहले से खड़े ट्रैफिक के जवानों और सेना के जवानों ने श्रद्धांजलि देते हुए सलामी दी. चौक पर खड़े आम लोगों ने भी शहीद को श्रद्धांजलि दी. इसके बाद शव यात्रा रातू रोड चौक पहुंचा, जहां पर पहले से खड़े नेताओं ने शहीद संकल्प को श्रद्धांजलि दी. रातू रोड चौक से हरमू मुक्ति धाम के तक जगह-जगह पुलिस के जवान, आम लोग और विभिन्न दलों के राजनेता पहले से खड़े थे.
शव यात्रा के दौरान कई दुकानें बंद थी. शव यात्रा में शामिल लोग शहीद संकल्प अमर रहे, जय हिंद, भारत माता की जय का नारा लगाते हुए आगे बढ़ रहे थे.
शहीद संकल्प का बदले पाकिस्तान से लेंगे
शहीद संकल्प का पार्थिव शरीर जैसे ही हरमू मुक्ति के पहले स्थित चौक पर पहुंचा. वहां शहीद के पार्थिव शरीर की अंतिम दर्शन के लिए बड़ी संख्या में लोग जुट गये. लोग पाकिस्तान मुर्दाबाद के नारे लगाने लगे. लोग यह भी नारा लगा रहे थे, भारत माता की जय, शहीद संकल्प का बदला पाकिस्तान से लिया जायेगा.
देश ने एक वीर खो दिया : डॉ मित्र
रांची : शहीद संकल्प शुक्ला को आइएमए ने श्रद्धांजलि दी है. आइएमए अध्यक्ष डॉ जेके मित्र ने कहा कि देश ने एक वीर जवान को खो दिया है. आत्मघाती हमला कायर करते हैं. हमारे देश के जवान सीना में गोली खाने का जज्बा रखते है, लेकिन पड़ोसी देश पीछे से वार करने में विश्वास रखता है.
चिकित्सकों ने दी श्रद्धांजलि : शहीद को श्रद्धांजलि देने के लिए बरियातू चौक पर रिम्स के चिकित्सक आये थे. दंत चिकित्सक डॉ बीके प्रजापति सहित कई चिकित्सक हाथ में पुष्प एवं माला लेकर चौक पर खड़े थे. वहीं रिम्स की कई नर्स भी सड़क पर संकल्प को श्रद्धांजलि देने पहुंची थीं.
चार्टर्ड एकाउंटेंट्स ने दी श्रद्धांजलि
रांची. चार्टर्ड एकाउंटेंट्स ने शहीद संकल्प कुमार शुक्ला के सम्मान में दो मिनट का मौन रख कर श्रद्धांजलि दी. इंस्टीटय़ूट की रांची शाखा के अध्यक्ष उदय जायसवाल ने कहा की शहीद संकल्प शुक्ला ने देश की सुरक्षा के लिए आतंकवादियों से लड़ते हुए अपना प्राण न्योछावर किया. यह झारखंड का सौभाग्य है कि शहीद संकल्प कुमार जैसे वीर इस धरती पर पैदा हुए. इस अवसर पर इंस्टीटय़ूट कीरांची शाखा के पूर्व अध्यक्ष महेंदर कुमार जैन, बीके जायसवाल, नीरज गखर, रश्मि राजगड़िया समेत अन्य सीए उपस्थित थे.
अग्रवाल सभा ने श्रद्धा सुमन अर्पित किया
रांची. अग्रवाल सभा ने शहीद संकल्प कुमार को श्रद्धांजलि दी. सभा के पदाधिकारियों व सदस्यों ने उनके पार्थिव शरीर पर श्रद्धा सुमन अर्पित किया. इस दौरान सभा के अध्यक्ष अशोक नारसरिया, सचिव मनोज बजाज, पवन पोद्दार, रतन मोर, मनोज चौधरी, विनोद जैन, ललित पोद्दार समेत अन्य लोग उपस्थित थे.
देश ने वीर सपूत खो दिया : झारखंड स्टेट बार काउंसिल के उपाध्यक्ष राजेश कुमार शुक्ला ने शहीद संकल्प शुक्ला को श्रद्धांजलि दी. उन्होंने कहा कि देश ने वीर सपूत को खो दिया है. संकल्प ने अपने प्राण की आहूति दी है, जिसके लिए उन्हें हमेशा याद किया जायेगा. इधर अंगिका समाज के महासचिव श्रीमोहन सिंह ने भी शहीद संकल्प शुक्ला को श्रद्धा सुमन अर्पित किया.
कैंडल मार्च निकाल कर दी श्रद्धांजलि
रांची : शहीद संकल्प शुक्ला को श्रद्धांजलि देने के लिए रविवार को कैंडल मार्च निकाला गया. कैंडल मार्च बूटी मोड़ से निकाला गया, जो शिवानी चौक पर आ कर समाप्त हुआ. कैंडल मार्च में शामिल लोगों ने खेलगांव चौक को शहीद संकल्प शुक्ला चौक बनाने की मांग की. कैंडल मार्च में काफी संख्या में लोग शामिल हुए. मौके पर रुद्र नारायण महतो, पवन दुबे, सुरेंद्र गुप्ता, गौतम सिंह, मुन्ना साव, विक्रम सोनी, टीके त्रिपाठी, ए अंसारी, नारायण, जावेद अंसारी आदि मौजूद थे.

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