कोर्ट ने जतायी नाराजगी, शुल्क निर्धारण नीति पेश करने का दिया निर्देश

प्राइवेट स्कूलों में शुल्क निर्धारण नीति बनाने के लिए सरकार को छह सप्ताह की मोहलतरांची. झारखंड हाइकोर्ट में सोमवार को प्राइवेट स्कूलों में बेतहाशा शुल्क बढ़ोतरी को लेकर स्वत: संज्ञान से दर्ज जनहित याचिका पर सुनवाई हुई. जस्टिस आरआर प्रसाद व जस्टिस रवि नाथ वर्मा की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई करते हुए राज्य सरकार […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 8, 2014 8:02 PM

प्राइवेट स्कूलों में शुल्क निर्धारण नीति बनाने के लिए सरकार को छह सप्ताह की मोहलतरांची. झारखंड हाइकोर्ट में सोमवार को प्राइवेट स्कूलों में बेतहाशा शुल्क बढ़ोतरी को लेकर स्वत: संज्ञान से दर्ज जनहित याचिका पर सुनवाई हुई. जस्टिस आरआर प्रसाद व जस्टिस रवि नाथ वर्मा की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई करते हुए राज्य सरकार की कार्यशैली पर नाराजगी जतायी. कोर्ट ने कहा कि दूसरे राज्यों की नीति का अवलोकन कर प्राइवेट स्कूलों में शुल्क निर्धारण के लिए नीति बनाने का कई बार निर्देश दिया गया. इसमें काफी समय लिया जा रहा है. सरकार के आग्रह को स्वीकार करते हुए खंडपीठ ने छह सप्ताह की मोहलत प्रदान की. कहा कि नीति बना कर कोर्ट में प्रस्तुत किया जाये. इससे पूर्व राज्य सरकार की ओर से खंडपीठ को बताया गया कि कोर्ट के निर्देश पर दूसरे राज्यों में लागू प्रावधान व नीति का अवलोकन किया गया है. नीति बनाने का काम चल रहा है. इस बीच विधानसभा चुनाव की घोषणा हो गयी. चुनाव प्रक्रिया जारी है. नयी सरकार बनने के बाद उस पर निर्णय लिया जायेगा. उल्लेखनीय है कि प्राइवेट स्कूलों द्वारा प्रत्येक वर्ष शुल्क में बेतहाशा वृद्धि की जाती है. पूर्व में झारखंड हाइकोर्ट ने इसे गंभीरता से लेते हुए जनहित याचिका में तब्दील कर दिया था.

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