मुंबई. निर्यात के मुकाबले आयात के ज्यादा तेजी से बढने के कारण चालू खाते का घाटा सितंबर तिमाही में बढ़ कर 10.1 अरब डॉलर हो गया, जो सकल घरेलू उत्पाद का 2.1 प्रतिशत के बराबर है. इससे पूर्व वित्त वर्ष की इसी तिमाही में यह 1.2 प्रतिशत था जबकि इस वर्ष जून तिमाही में यह 1.7 प्रतिशत था. किसी अवधि विशेष में चालू खाते का घाटा (कैड) विदेशी मुद्रा के अंतर्प्रवाह और बहिर्प्रवाह का शुद्ध अंतर है. रिजर्व बैंक ने कहा, ‘कैड में वृद्धि का मुख्य कारण व्यापार घाटा बढ़ना है. निर्यात वृद्धि कम होने तथा आयात बढ़ने से व्यापार घाटा बढ़ा.’ वस्तुओं के निर्यात की वृद्धि दूसरी तिमाही में घट कर 4.9 प्रतिशत रही जबकि सोने का आयात बढ़ने से कुल आयात में इस दौरान 8.1 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई.
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चालू खाते का घाटा दूसरी तिमाही में बढ़ा
मुंबई. निर्यात के मुकाबले आयात के ज्यादा तेजी से बढने के कारण चालू खाते का घाटा सितंबर तिमाही में बढ़ कर 10.1 अरब डॉलर हो गया, जो सकल घरेलू उत्पाद का 2.1 प्रतिशत के बराबर है. इससे पूर्व वित्त वर्ष की इसी तिमाही में यह 1.2 प्रतिशत था जबकि इस वर्ष जून तिमाही में यह […]
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